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Breaking : बांग्लादेश बॉर्डर से लाकर भारत में खपाते थे 2000 के नकली नोट, डिलीवरी देने आया तस्कर गिरफ्तार

locationअंबिकापुरPublished: May 01, 2018 04:04:14 pm

नकली नोट खपाने के मामले में पहले से गिरफ्तार आरोपी के कहने पर 2 लाख के नकली नोट लेकर अंबिकापुर आया था आरोपी, पुलिस ने दबोचा

Fake note smuggler arrested

Fake note smuggler arrested

अंबिकापुर. 2000 रुपए के नकली नोट भी अब मार्केट में खपने लगे हैं। अंबिकापुर क्राइम ब्रांच व कोतवाली पुलिस ने 25 अप्रैल को 2000 के 30 नकली नोट के साथ मध्यप्रदेश के ग्राम कोल्हागांव रीवा निवासी ज्ञानेंद्र तिवारी को गिरफ्तार किया था। पुलिस रिमांड में लेकर पूछताछ करने पर पता चला कि वह अंतरराष्ट्रीय नकली नोटों के गिरोह से जुड़ा हुआ है।
बांग्लादेश से बॉर्डर पार कर ये नोट भारत में खपाए जा रहे हैं। पुलिस उसकी निशानदेही पर नकली नोट के गिरोह के प्रमुख सदस्यों में से एक को पकडऩे पश्चिम बंगाल के माल्दा के लिए रवाना हुई।
यहां अपने आप को किसी काम में व्यस्त बताकर वह नहीं आया। उसने कहा कि वह भारत में कहीं भी आकर डिलीवरी देने को तैयार है। इस पर ज्ञानेंद्र तिवारी ने उसे अंबिकापुर आने कहा। जब वह सोमवार की शाम अंबिकापुर पहुंचा तो पुलिस ने उसे बस स्टैंड से धरदबोचा।

मामले का खुलासा करते हुए एसपी आईपीएस सदानंद कुमार ने बताया कि 25 अप्रैल को नगर के माया लॉज के पास से रीवा के ग्राम कोल्हागांव निवासी ज्ञानेंद्र तिवारी को 30 नकली नोटों के साथ व्यवसायी की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। पुलिस रिमांड में लेने के बाद जब उससे पूछताछ की गई तो पहले तो उसने गुमराह किया, लेकिन कड़ाई से पूछताछ में उसने सच्चाई बताई। उसने बताया कि बांग्लादेश से काफी संख्या में 2000 के नोट भारत में खप रहे हैं।
उसने यह भी बताया कि अंतरराष्ट्रीय नकली नोट गिरोह से उसके तार जुड़े हैं। उसे माल्दा वेस्ट बंगाल निवासी राजीकुलशेख उर्फ फिरोज नकली नोट की डिलीवरी करता है। वह बांग्लादेश-भारत के कालियाचक थानांतर्गत मोहब्बतपुर बार्डर से लाता है। इसके बाद पुलिस उसे लेकर राजीकुलशेख को गिरफ्तार करने ३ दिन पूर्व माल्दा पहुंचे।
यहां पुलिस ने ज्ञानेंद्र की राजीकुलशेख से मोबाइल पर बात कराई तो उसने कहा कि वह शादी के सिलसिले में माल्दा से बाहर है। उसने कहा कि ज्ञानेंद्र दोस्त, आप जहां भी कहें वहां नोट की डिलीवरी दे दूंगा। इस पर ज्ञानेंद्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अंबिकापुर नामक शहर है। यहां मैं 2000 के सारे नोट खपा चुका हूं। यहां के लोग 2 हजार के नकली नोट बिल्कुल नहीं पहचान पा रहे हैं।
यहां का मार्केट काफी अच्छा है। मैं चाहता हूं कि तुम भी अंबिकापुर देख लो और अगली डिलीवरी वहीं दो। इस पर राजीकुलशेख सहमत हो गया और बोला मैं बहुत जल्द अंबिकापुर पहुंचकर फोन करता हूं।

बस स्टैंड से किया गिरफ्तार
ज्ञानेंद्र से बातचीत के बाद नकली नोट लेकर राजीकुलशेख उर्फ फिरोज 30 अप्रैल की शाम करीब 5 बजे अंबिकापुर बस स्टैंड पहुंचा। यहां से उसने ज्ञानेंद्र को कॉल कर कहा कि वह अंबिकापुर के बस स्टैंड में खड़ा है। यह सूचना मिलते ही कोतवाली टीआई विनय सिंह बघेल व क्राइम ब्रांच की टीम ने घेराबंदी कर नकली नोटों के तस्कर को धरदबोचा।
पुलिस ने उसके पास से 2000 रुपए के कुल 100 नोट (2 लाख) रुपए बरामद किए। फिर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके खिलाफ धारा 489-बी, 489-सी के तहत कार्रवाई की है।

मर्डर व पिस्टल तस्करी के हैं आरोपी
पुलिस ने बताया कि आरोपी ज्ञानेंद्र तिवारी हत्या का आरोपी रह चुका है। वह बैंगलोर जोल में साढ़े 5 साल की सजा काट चुका है। फिलहाल वह जमानत पर था और नकली नोटों की तस्करी कर रहा था। ज्ञानेंद्र तिवारी की राजीकुलशेख से मुलाकात बैंगलोर जेल में ही हुई थी। राजीकुलशेख 17 पिस्टल के साथ गिरफ्तार हुआ था। वह भी 5 साल तक जेल में था और फिलहाल जमानत पर है। दोनों मिलकर २००० रुपए के नकली नोट का कारोबार कर रहे थे।

कार्रवाई में ये रहे शामिल
नकली नोट के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश आईजी हिमांशु गुप्ता व एसपी सदानंद कुमार के मार्गदर्शन व निर्देशन में किया गया। कार्रवाई में क्राइम ब्रांच व साइबर क्राइम ब्रांच के एसआई मनष यादव, एएसआई भूपेश सिंह, विनय सिंह, प्रधान आरक्षक रामअवध सिंह, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, आरक्षक दीनदयाल सिंह, अमित विश्वकर्मा, बृजेश राय, नितिन सिन्हा, अमृत सिंह, विवेक राय, मनीष यादव, अंशुल शर्मा, राकेश शर्मा, जयदीप सिंह, भोजराज पासवान, महिला आरक्षक स्मिता रागिनी व कोतवाली से एएसआई लोकेश्वर प्रसाद, परशुराम पैंकरा, प्रधान आरक्षक घनश्याम यादव, आरक्षक अरविंद उपाध्याय, संजीव चौबे, राहुल सिंह, आलोक गुप्ताव प्रविंद्र सिंह शामिल रहे।

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