scriptराष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पिता व 2 मासूम पुत्रों की मौत, आर्थिक हालत थी खराब | 3 death in a row: Father and his 2 son death within 3 days | Patrika News

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पिता व 2 मासूम पुत्रों की मौत, आर्थिक हालत थी खराब

locationअंबिकापुरPublished: Aug 17, 2021 01:49:51 pm

3 death in a row: शरीर में खून की कमी सहित अन्य बीमारी से पीडि़त थे एक ही परिवार (Family) के 3 सदस्य, जागरुकता के अभाव में जड़ी-बूटी से घर पर ही कर रहे थे इलाज (Treatment)

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पिता व 2 मासूम पुत्रों की मौत, आर्थिक हालत थी खराब

Father and 2 son death

अंबिकापुर. गरीबी और जागरुकता के अभाव में एक ही बीमारी से पीडि़त पंडो जनजाति के पिता व उसके 2 पुत्रों ने 3 दिन के भीतर दम तोड़ दिया। एक बेटे की मौत के बाद पिता व पुत्र को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान 24 घंटे के भीतर दोनों की मौत हो गई।
प्रथमदृष्ट्या मौत का कारण शरीर में खून का कम होना पाया गया। बताया जा रहा है कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हो पाने के कारण वे अस्पताल नहीं जा पाए और घर पर ही जड़ी-बूटी से इलाज कर रहे थे। जब बीमारी का पता चला तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पंडो जनजाति को राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है।

मामला बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचंद्रपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम दोलंगी का है। यहां पंडो जनजाति (Pando society) का परिवार भी निवास करता है। रामलखन पंडो 32 वर्ष व उसके पुत्र दिनेश पंडो 12 वर्ष तथा उपेंद्र पंडो 9 वर्ष किसी बीमारी से पीडि़त थे।
उन्हें पता नहीं था कि कौन से बीमारी है, आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने तथा जागरुकता के अभाव के कारण वे अस्पताल नहीं गए। तीनों का इलाज घर पर ही जड़ी-बूटी से चल रहा था। गांव के किनारे रहने से उनका अन्य लोगों से ज्यादा संपर्क भी नहीं था। इसी बीच 14 अगस्त की शाम 6 बजे छोटे पुत्र उपेंद्र की मौत हो गई।

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अंतिम-संस्कार करने पहुंचे तब बीमार होने की मिली खबर
पंडो परिवार के उपेंद्र की मौत की खबर सुनकर गांव के लोग जब उसके अंतिम संस्कार कार्यक्रम में पहुंचे तब पता चला कि रामलखन व उसका बड़ा पुत्र दिनेश भी बीमार हैं। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए गांव वालों ने प्राइवेट वाहन से 15 अगस्त की रात मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।

15 घंटे के भीतर पिता-पुत्र ने तोड़ा दम
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच में पाया कि पीडि़तों के शरीर में खून की कमी है, इसके बाद उनका इलाज शुरु किया गया। डॉक्टरों ने खून चढ़ाने की सलाह दी। इसी बीच 16 अगस्त की दोपहर 2 बजे बड़े पुत्र दिनेश की मौत हो गई। वहीं रामलखन ने 17 अगस्त की अलसुबह दम तोड़ दिया।

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परिजनों में पसरा मातम
एक ही परिवार के 3 सदस्यों की मौत से पंडो जनजाति के परिवार में कोहराम मच गया है। आर्थिक हालत खराब होने तथा जागरुकता के अभाव में बीमारी बढ़ती चली गई और परिवार को पता भी नहीं चला। औपचारिकता पूरी करने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने दोनों का शव उनके गृहग्राम भिजवा दिया।
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