ऑफिस में ताला लगाकर हो गए फरार
सभी आरोपियों ने उक्त थाना क्षेत्रों के अलग-अलग गांवों में जाकर पीडि़तों से संपर्क किया। फिर पंचायत, ब्लॉक, जिला स्तर का डीलर नियुक्ति करने का झांसा देकर एग्रीमेन्ट कर लगभग 150 पीडि़तों से पांच लाख से 10 हजार रुपए तक चेक एवं यूपीआई के माध्यम से उपरोक्त खातों में जून माह की 15 तारीख तक लगातार जमा कराते रहे। साथ ही प्रार्थियों को यह विश्वास दिलाते रहे कि जून माह के मध्य में खेती किसानी का समय आएगा। उसी समय आप लोगों को खाद की डिलीवरी कर दी जाएगी। 15 जून तक उपरोक्त खातों में लगभग 90 लाख रुपए जमा हो चुके थे। बारिश होते ही जब पीडि़त खाद और बीज के लिए आरोपियों के दिए गए नंबरों पर फॉन कर खाद बीज के लिए पूछने लगे तब सभी आरोपी धीरे.धीरे अपने.अपने मोबाईल बन्द कर और सारा सामान लेकर और ऑफिस में ताला लगाकर फरार हो गए। आरोपियों के मोबाईल नंबर बंद होने से पीडितों को अपने साथ ठगी होने का एहसास हुआ तब जाकर पीडि़तों ने संबंधित थाना क्षेत्रों में ठगी की सूचना दी और पुलिस अधीक्षक बलरामपुर से मिलकर घटना के संबंध में अवगत कराया।
चार टीमों का किया गया था गठन
अपराध की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षकए सरगुजा रेंज अजय यादव, पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग द्वारा संबंधित थानों में तत्काल अपराध दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए। साथ ही एएसपी प्रशांत कतलम, सुशील नायक व एसडीओपी अनिल विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में तत्काल 04 टीमें साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक रमाकांत साहू के नेतृत्व में गठित की गई। इसमें थाना प्रभारी शंकरगढ़ उप निरीक्षक अमित गुप्ता, थाना प्रभारी रामानुजगंज, चौकी प्रभारी उप निरीक्षक विनोद पासवान एवं चौकी प्रभारी बरियों रजनीश सिंहए थाना प्रभारी पस्ता निरीक्षक संतराम आयाम, साइबर टीम को शामिल किया गया।
आरोपियों के २५ से अधिक बैंक खाते
गिरोह का मास्टरमाइंड पकड़ा गया आरोपी रंजीत स्वाईं है। मास्टरमाइन्ड काफी शातिर है। अब तक आरोपियों के 25 से अधिक बैंक खातों का होना पता चला है जिसे पुलिस द्वारा होल्ड कराया जा रहा है। गिरोह में अभी तक कुल 16 आरोपियों का शामिल होना पता चला है जिसमें से 05 आरोपी अब तक गिरफ्तार किए गए हैं। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु 03 टीमें लगातार यूपी एवं बिहार में छापेमारी कर रहीं हंै। आरोपियों द्वारा बहुत ही शातिराना तरीके से फर्जी सीम चालू कराकर एवं फर्जी नामों का उपयोग कर अपराध को अंजाम दिया गया परन्तु बलरामपुर पुलिस ने सूझबूझ एवं तकनीकी साक्ष्य संकलन कर गिरोह का पर्दाफाश किया है। आईजी द्वारा गिरफ्तारी टीम के उत्साहवर्धन हेतु 25000 रुपए के नकद इनाम की घोषणा की गई है। पुलिस अधीक्षक द्वारा 10 हजार के नकद इनाम की घोषणा की गई है।
इन राज्यों में भी की ठगी
आरोपियों द्वारा अब तक छग के अलावा बिहार के पूर्णिया, कटिहार, पश्चिम बंगाल के सोरबाई, मेदनीपुर, वर्धमान जिलों में एवं एमपी के टीकमगढ़ एवं छत्तरपुर और झारखण्ड के कोडरमा जिलों में वारदात करना बताया है परन्तु यह गिरोह पूर्व में नहीं पकड़ा गया है। उपरोक्त सभी स्थानों को मिलाकर 03 करोड़ से भी अधिक रकम की ठगी की जा चुकी है। अन्य स्थानों में गिरोह में इन 16 सदस्यों के अलावा अन्य आरोपी भी शामिल रहे है। सभी राज्यों की पुलिस को आरोपियों के पकड़े जाने की सूचना दी गई है। गिरोह का छग के अन्य जिले में भी सक्रिय होने की जानकारी मिली हैं।
कार्रवाई में ये रहे शामिल
पकड़े गए पांच आरोपियों से कार, ३६ नग प्री एक्टिवेटेड सिम, ६ नग मोबाइल व ७५ हजार रुपए नकद बरामद किए गए हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी में निरीक्षक रमाकांत साहू, संतराम आयाम, सुषमा सिंह, उप निरीक्षक अमित गुप्ता, विनोद पासवान, रजनीश सिंह, एएसआई संदीप सिंह, रफेल तिर्की, आरक्षक संतोष सिंह, शैलेन्द्र तिवारी, शिव पटेल, अंकित जायसवाल, संतोष गुप्ता, अभिषेक पटेल, रिंकु गुप्ता, साइबर सेल से प्रधान आरक्षक कलेश्वर तिर्की, आरक्षक मगल सिंह, अमित निकुंज, अमरेन्द्र सिंह, राजकमल सैनी, प्रदीप साना सक्रिय रहे।