सरगुजा जिले के ग्राम सोनपुरकला निवासी अंचल विश्वकर्मा का कुछ माह पूर्व समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी नारायण सिंह सिदार से परिचय हुआ था। इस दौरान दोनों के बीच काम को लेकर कई बार चर्चा भी हो चुकी थी।
नारायण सिंह सिदार द्वारा बिशुनपुर में समाज कल्याण विभाग द्वारा मंद बुद्धि बच्चों के लिए संचालित किए जा रहे सामथ्र्य विकास छात्रावास में मेस का काम दिलाने की बात की गई। काम दिलाने के नाम पर 30 हजार रुपए देने को कहा गया। 31 अगस्त को उपसंचालक, समाज कल्याण विभाग के नाम से अंचल विश्वकर्मा के नाम का आवेदन खुद नारायण सिंह सिदार ने लिखा था।
अंचल विश्वकर्मा ने इसकी शिकायत एसीबी रायपुर को की। एसीबी की टीम ने इसका वेरिफिकेशन भी किया और आगे बात करने को कहा। दोनों के बीच बातचीत होने के बाद २० हजार रुपए में सौदा तय हुआ। इस बीच 20 हजार रुपए का जुगाड़ नहीं होने पर गुरुवार को 10 हजार रुपए देने की बात तय हुई। इसकी जानकारी शिकायतकर्ता ने एसीबी की टीम को दी।
एसीबी की टीम डीएसपी एसपी कोसिया के नेतृत्व में कार्रवाई के लिए अंबिकापुर पहुंची। अंचल विश्वकर्मा व समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी नारायण सिंह सिदार के बीच रुपए के लेनदेन के लिए जगह तय हुई। नारायण सिंह सिदार ने शिकायतकर्ता को जिला पंचायत कार्यालय के समीप रुपए लेकर बुलाया।
इसकी जानकारी अंचल विश्वकर्मा ने तत्काल एसीबी के डीएसपी को दी। एसीबी की टीम नारायण सिंह सिदार को गिरफ्तार करने के लिए कलक्टोरेट परिसर में सादे कपड़े में पहले से खड़ी थे। जैसे ही जिला पंचायत कार्यालय के सामने नारायण सिंह सिदार पहुंचा और उसे अंचल विश्वकर्मा ने 10 हजार रुपए दिया एसीबी की टीम ने तत्काल उसे हिरासत में ले लिया।
भरी दोपहर खुलेआम ले रहा था रिश्वत
शिकायतकर्ता से काफी दिनों से नारायण सिंह सिदार 30 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर रहा था। रुपए का जुगाड़ नहीं होने पर गुरुवार को जिला पंचायत कार्यालय के सामने भीड़-भाड़ वाले जगह पर खुले आम लगभग 12 बजे के आस-पास बुलाया गया था। यहीं पर 10 हजार रुपए रिश्वत के तौर पर लेते एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया।
टीम में ये थे शामिल
शिकायतकर्ता ने सीधे रायपुर एसीबी कार्यालय में पूरे मामले की शिकायत की थी। डीएसपी एसपी कोसिया के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच की जा रही थी। कार्रवाई करने से पहले दोनों के बीच हुए बातचीत का रेकॉर्ड भी टीम ने की थी।
डीएसपी एसपी कोसिया के साथ डीएसपी अजितेश सिंह, निरीक्षक प्रमोद खेस सहित अन्य कर्मचारी भी शामिल थे। एसीबी की टीम ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे रिमांड पर लिया गया।