स्थानीय कर्मचारियों ने प्रशासन के नाम से सौंपे गए ज्ञापन में बाहर से आए लोगों को अधिक वेतन तथा स्थानीय लोगों की उपेक्षा करते हुए कम वेतन देने तथा मूलभूत सुविधाओं शिक्षा स्वास्थ्य से वंचित रखने का आरोप लगाया है।
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दरअसल कंपनी में पदस्थ स्थानीय कर्मचारियों ने कलक्टर कार्यालय, तहसीलदार एवं थाना उदयपुर में सौंपे ज्ञापन में वेतन विसंगति की बात को लेकर 23 जून को ज्ञापन सौंपा था। इसी तारतम्य में गुरुवार की सुबह से ही स्थानीय कर्मचारियों व लोगों द्वारा चेक पोस्ट से 100 मीटर पहले धरना प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया गया।
धरना की सूचना मिलने पर उदयपुर पुलिस व राजस्व अमला व कंपनी प्रबंधन के लोग भी वहां पहुंचे। कंपनी प्रबंधन द्वारा श्रमिकों की मांगों पर न्याय संगत, कानून संगत विचार हेतु 10 जुलाई तक का समय मांगा गया।
वेतन में काफी विसंगति
श्रमिक नेता अजीतराम विश्कर्मा व देवराम से बात करने पर उन्होंने बताया कि कोरोना काल में पिछले साल तक 45 मिलियन टन उत्पादन तथा 2020-21 लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान भी एआरपीएल के कर्मचारियों से संपूर्ण काम लिया गया।
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कुछ कर्मचारी जो अंबिकापुर से आते थे अनुपस्थित रहने पर भी उनको पूरा वेतन दिया गया, जबकि हमारे गांव के कर्मचारियों को पूर्ण वेतन नहीं दिया गया। साथ ही उनके कर्मचारियों को 50 से 60 हजार प्रतिमाह वेतन जबकि गांव के कर्मचारियों को मुश्किल से 15 से 22 हजार रुपए महीने भर का वेतन दिया जाता है।
इस तरह के वेतन विसंगति को दूर करने की मांग की गई थी, लेकिन कोई पहल नहीं होने पर धरना दिया गया। प्रबंधन की ओर से लिखित आश्वासन पर धरना प्रदर्शन
(Ptotest) समाप्त किया गया। इस दौरान मौके पर एसडीएम अनिकेत साहू, नायब तहसीलदार, श्रम अधिकारी, थाना प्रभारी अलरिक लकड़ा व कंपनी के अधिकारी मौजूद रहे।