scriptChhattisgarh के 247 हाथियों का उत्पात रोकने कर्नाटक से आएंगे 6 प्रशिक्षित हाथी | Ambikapur : 6 trained elephants to come from Karnataka to prevent 247 elephants of Chhattisgarh | Patrika News

Chhattisgarh के 247 हाथियों का उत्पात रोकने कर्नाटक से आएंगे 6 प्रशिक्षित हाथी

locationअंबिकापुरPublished: Aug 28, 2017 01:51:00 pm

प्रदेश सरकार की पहल पर कुमकी हाथी प्रशिक्षण केंद्र से प्रशिक्षित हाथियों के साथ मिलेंगे महावत, 2 महीने के भीतर पूरी हो सकती है प्रक्रिया

Karnataka elephants

elephants of Karnatka

अंबिकापुर. सरगुजा में हाथियों के उत्पात को देखते हुए प्रदेश सरकार की पहल पर अब कर्नाटक सरकार वन विभाग को प्रशिक्षित हाथी उपलब्ध कराएगी। इसकी अनुमति मिलने के साथ ही वन अमले ने प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ कर्नाटक को रिपोर्ट भी पेश कर दी है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो 2 माह के अंदर कर्नाटक से सरगुजा जिले में 6 प्रशिक्षित हाथियों के साथ ट्रेंड महावत भी पहुंच जाएंगे, जो यहां के हाथियों को खदेडऩे के साथ पकड़े हुए हाथियों को प्रशिक्षित भी करेंगे।

देश में सबसे ज्यादा हाथी दक्षिण भारत में हैं, लेकिन वहां की सरकार हाथियों से किस तरह से निपटती है इसे जानने के लिए स्थानीय वन अधिकारी-कर्मचारी पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक के हाथी प्रशिक्षण केंद्र में जाकर वहां के वन अधिकारियों से जानकारियां एकत्रित कर रहे हैं।
वन विभाग की तरफ से वाइल्ड लाइफ मुख्य संरक्षक (हाथी) केके बिसेन व अन्य अधिकारी वहां पहुंचकर सारी प्रक्रिया को अंजाम दे रहे हैं। इसके लिए प्रशिक्षित हाथियों का चयन भी कर लिया गया है। प्रक्रिया पूरी करने में दो माह का समय लग जाएगा। इसके लिए वन विभाग द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं।

‘युधिष्ठिर- योग लक्ष्मी’ करेंगे प्रदेश के 247 हाथियों को नियंत्रित
प्रक्रिया के तहत वन विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा कर्नाटक पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत किया जा चुका है। पीसीसीएफ वाडल्ड लाइफ कर्नाटक द्वारा प्रशिक्षण की अनुमति मिलने के बाद कुमकी हाथी प्रशिक्षण केंद्र में अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
वर्तमान में कुमकी प्रशिक्षण केंद्र से ८ हाथियों को छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले लाने के लिए चयन किया गया है। इसमें युधिष्ठर, योगलक्ष्मी, गंगे, अजय, परशुराम, तिरथराम के साथ सारथी व ईश्वर नाम के हाथी का चयन किया गया है। किसी हाथी का स्वास्थ्य खराब होने पर सारथी व ईश्वर में से एक हाथी को सरगुजा के लिए रवाना किया जा सकता है।

पहले उत्पाती हाथियों का किया जाएगा चिन्हांकन
कर्नाटक की तर्ज पर अब पूरे प्रदेश के उत्पाती हाथियों को सरगुजा जिले से नियंत्रण करने की तैयारी की जा रही है। कर्नाटक से आने वाले हाथी किसी एक जगह पर रूककर नहीं रहेंगे। जहां भी हाथियों के उत्पात की जानकारी वन विभाग को मिलेगी वहां इन हाथियों के साथ महावत भी पहुंच जाएंगे और उत्पाती हाथियों को रोकने का प्रयास करेंगे और हो सकेगा तो इन हाथियों को पकड़कर रेस्कयू सेंटर में रखकर प्रशिक्षित कर उन्हें भी इस काम में लगाया जाएगा। इन हाथियों से प्रदेश के 247 हाथियों को रोकने का प्रयास किया जाएगा।

प्रशिक्षित महावत करेंगे हाथियों को नियंत्रित
कुमकी हाथी प्रशिक्षण केंद्र में सरगुजा के कुछ लोगों को हाथी को नियंत्रित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। लेकिन सभी प्रशिक्षित हाथी दक्षिण भारत से यहां लाना है, इसलिए यहां के हाबो हवा के साथ हाथियों को सामंजस्य स्थापित कराने के लिए सभी हाथी के साथ एक-एक महावत कर्नाटक से सरगुजा आएंगे। इनके द्वारा जब हाथियों को यहां के वातावरण मे ंपूर्णत: ढाल दिया जाएगा, तब वे वापस लौट जाएंगे।

प्रदेश सरकार की इस पहल से रूकेगा संघर्ष
अविभाजित सरगुजा जिले में सबसे अधिक हाथियों द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है। हाथियों के उत्पात की वजह से अलग-अलग जगहों पर लोगों को जनहानि के साथ ही फसलों का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसे लेकर कई बार हाथियों से बचाव के लिए विधानसभा में सवाल खड़े किए जा चुके हैं।
प्रदेश सरकार ने वन विभाग के माध्यम से हाथी व मानव के बीच संघर्ष रोकने के लिए कर्नाटक सरकार से प्रशिक्षित हाथी सरकार ने लेने का निर्णय लिया है। कर्नाटक सरकार ने भी छत्तीसगढ़ सरकार को प्रशिक्षित हाथियों को देने की अनुमति प्रदान कर दी है। प्रशिक्षित हाथियों के माध्यम से उत्पाती हाथियों को नियंत्रण करने का प्रयास किया जाएगा। इससे हाथियों व इंसान के बीच संघर्ष को रोका जा सकेगा।

इंसान व हाथियों के बीच रुकेगा संघर्ष
जल्द ही पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ कर्नाटक से अनुमति मिल जाएगी। इसके बाद 6 प्रशिक्षित हाथियों के साथ एक-एक महावत व एक कवाड़ी भी सरगुजा लाया जाएगा। इसमें दो माह का समय लग जाएगा। इन हाथियों के आने के बाद हाथी व इंसान के मध्य संघर्ष को रोका जा सकेगा।
केके बिसेन, मुख्य वन संरक्षक वाइल्ड लाइफ (हाथी)
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