scriptहेल्थ कमिश्नर की चेतावनी के बाद भी इमरजेंसी Duty नहीं करने वाले डॉक्टरों पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन मेहरबान | Ambikapur : After the warning of Health Commissioner Medical College management kind on the doctors who did not do emergency duties | Patrika News

हेल्थ कमिश्नर की चेतावनी के बाद भी इमरजेंसी Duty नहीं करने वाले डॉक्टरों पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन मेहरबान

locationअंबिकापुरPublished: Sep 02, 2017 10:19:00 am

रोस्टर ड्यूटी को लेकर अस्पताल में पदस्थ चिकित्सकों ने जताई नाराजगी, वीडियो कांफ्रेंसिंग में हेल्थ कमिश्नर आर. प्रसन्ना ने दिए थे वेतन काटने के निर्देश

doctors meet Dean

Doctors of Medical college

अंबिकापुर. मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसरों द्वारा इमरजेंसी ड्यूटी नहीं करने के बावजूद प्रबंधन द्वारा उनके खिलाफ प्रबंधन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज अस्पताल के डाक्टरों ने शुक्रवार को नया ड्यूटी रोस्टर देख नाराजगी व्यक्त की। डॉक्टरों ने कहा कि अस्पताल में2 डॉक्टरों की इमरजेंसी ड्यूटी लगाई जाती है और कुछ चिकित्सकों की वजह से पूरी व्यवस्था बिगड़ रही है। लेकिन प्रदेश के आला अधिकारियों के निर्देश के बावजूद कॉलेज प्रबंधन ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर उन्हें पूरा वेतन देने की तैयारी कर रहा है।

मेडिकल कॉलेज में पदस्थ असिटेंट प्रोफेसर, जूनियर रेसिडेंट व सीनियर रेसिडेंट डॉक्टरों की अस्पताल में आपातकालीन ड्यूटी लगाए जाने के बावजूद उनके द्वारा हमेशा मनमानी की जा रही है। इसकी वजह से पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में पदस्थ असिस्टेंट प्रोफेसर व प्रबंधन के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। अस्पताल में पदस्थ चिकित्सकों द्वारा कहा जाता है कि जब एक ही पद पर कार्यरत हैं तो अलग-अलग व्यवस्था स्वीकार नहीं की जाएगी।
इस पर प्रदेश के स्वास्थ्य आयुक्त व प्रदेश एमआईसी अध्यक्ष आर. प्रसन्ना ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के दौरान कॉलेज में पदस्थ सभी चिकित्सकों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि ड्यूटी तो सभी को करनी होगी और अगर कोई ड्यूटी नहीं करता है तो उसकी वेतन कटौती की जाएगी। इसके बावजूद भी अस्पताल के आपातकालीन ड्यूटी को लेकर डॉक्टरों व शैक्षणिक स्टाफ के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है।
माह सितम्बर का जब अस्पताल प्रबंधन द्वारा रोस्टर तैयार किया जा रहा था तो अस्पताल में पदस्थ सहायक प्रोफेसरों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि जिन्होंने ड्यूटी नहीं की उनके खिलाफ प्रबंधन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि उनके वेतन कटौती करने की बात कही गई थी। लेकिन आला अधिकारियों के निर्देश के बावजूद ऐसे डाक्टरों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर कॉलेज प्रबंधन उनका मनोबल बढ़ा रहा है।
अस्पताल में पदस्थ डाक्टरों द्वारा सितम्बर माह में तैयार किए जा रहे नए रोस्टर को लेकर कहा गया कि हमेशा २ चिकित्सकों की ड्यूटी आपातकाल के लिए लगाए जाती है। लेकिन कॉलेज में पदस्थ चिकित्सक ड्यूटी नहीं करते हैं। इससे एक चिकित्सक पर पूरी जिम्मेदारी आ जाती है और कोई परेशानी होती है तो उन्हें ही जिम्मेदार बताया जाता है। इसे लेकर अस्पताल में पदस्थ चिकित्सकों ने रोस्टर को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।

शंकराचार्य कॉलेज ने कमी को पूरा कर न्यायालय से ली मान्यता
एमसीआई की आपत्ति के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मान्यता नहीं दिए जाने के खिलाफ श्री गंगाजजी एजुकेशन सोसायटी व अन्य द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। न्यायालय ने शुक्रवार को आदेश जारी करते हुए भिलाई के शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज को एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के प्रवेश हेतु मान्यता प्रदान कर दी है। लेकिन अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन अब तक सरकार के समक्ष अपना पक्ष भी नहीं रख सका है। जबकि कॉलेज प्रबंधन को भी इस बात की जानकारी है कि 5 सितम्बर के बाद मान्यता के सभी दरवाजे बंद हो जाएंगे।

मेडिकल कॉलेज की समस्या पर सवालों से बचते नजर आए मंत्री
इधर शुक्रवार को पत्रवार्ता में मेडिकल कॉलेज व विश्वविद्यालय भवन निर्माण हेतु निविदा स्वीकृत होने की बात प्रभारी मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कही। वहीं जब उनसे पूछा गया कि मेडिकल कॉलेज ऐसी जगह पर क्यों बनाया जा रहा है जहां पीडब्ल्यूडी ने शासन को पत्र लिखकर बताया है कि वहां निर्माण कार्य किए जाने से ३० प्रतिशत अधिक राशि वहन खर्च होगी। इसपर उन्होंने सभी के सहयोग की बात कही। मेडिकल कॉलेज जीरो इयर घोषित होने पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि सभी के सहयोग से इसे भी प्राप्त कर लिया जाएगा। मेडिकल कॉलेज की समस्या को लेकर प्रभारी मंत्री सवालों से बचते नजर आए।

रोस्टर ड्यूटी को लेकर लगाई थी फटकार
वीडियो कान्फ्रेसिंग में स्वास्थ्य आयुक्त आर. प्रसन्ना डाक्टरों की मनमानी को लेकर काफी सख्त नजर आए थे। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि ड्यूटी नहीं करने वाले डाक्टरों के वेतन की कटौती की जाए। इसके साथ ही उन्होंने डाक्टरों से चर्चा के दौरान कहा था कि अगर ड्यूटी नहीं करनी है तो वे दूसरे जगह जा सकते हैं। लेकिन किसी के लिए नियमों को नहीं तोड़ा जा सकता है। इतनी फटकार के बाद भी डाक्टरों की मनमानी नहीं रूकी। उनकी मनमानी को कॉलेज प्रबंधन की मौन स्वीकृति मिले होने की वजह से कुछ डाक्टर आपातकालीन ड्यूटी नहीं कर पूरी व्यवस्था को बिगाडऩे में लगे हुए हैें।

ड्यूटी नहीं करने के बाद भी बना पूरा वेतन
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आपातकालीन ड्यूटी नहीं करने के बावजूद कई डाक्टरों का पूरा वेतन प्रबंधन द्वारा बना दिया गया है। जबकि डीन की उपस्थिति में वीडियो कान्फ्रेसिंग में स्वास्थ्य आयुक्त ने वेतन काटने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद भी उनका पूरे माह का वेतन बना दिया गया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो