इलाज का पूरा खर्चा खुद उठाया और Smart Card से भी कट गए रुपए
सरगुजाPublished: Jul 05, 2016 02:08:00 pm
जिला अस्पताल में स्मार्ट कार्ड से इलाज के नाम पर हो रही धांधली, मरीज के
परिजन को उपचार के लिए खर्च करने पड़ रहे रुपए, स्मार्ट कार्ड से भी काटी
जा रही रकम
अंबिकापुर. जिला अस्पताल में स्मार्ट कार्ड से इलाज के नाम पर मरीजों से ठगी की जा रही है। मरीजों का स्मार्ट कार्ड अस्पताल में जमा करने के बाद भी सीटी स्केन, ब्लड जांच व दवाइयों में अपने जेब से ही रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं और इधर इतनी ही रकम स्मार्ट कार्ड से भी कट जा रही है।
जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही रूकने का नाम नहीं ले रही है। स्मार्ट कार्ड के नाम पर मरीजों से ठगी की जा रही है। ऐसा ही एक मामला सोमवार को सामने आया। अंबिकापुर के ही सुनील पाल ने अपने 60 वर्षीय पिता तापस पाल को इलाज के लिए 10 दिन पूर्व जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। उन्हें किडनी से संबंधित परेशानी थी।
सुनील पाल ने अपने पिता को भर्ती कराने के बाद स्मार्ट कार्ड अस्पताल में जमा कर दिया था। लेकिन उन्हें अस्पताल द्वारा कोई कूपन नहीं दिया गया। उन्होंने अपने जेब से ही 3 हजार रुपए खर्च कर अस्पताल में ही सोनोग्राफी, सीटी स्केन, ब्लड जांच के साथ ही दवाइयां खरीद पिता के इलाज में लगाया।
जब पिता को डिस्चार्ज किया गया तो अस्पताल द्वारा 4 हजार 950 रुपए स्मार्ट कार्ड से काट ली गई। बाकायदा अस्पताल द्वारा उन्हें इतने रुपए का बिल भी दिया गया। इस संबंध में सुनील पाल का कहना है कि जब उसने इलाज के खर्चे अपनी जेब से वहन किए तो किस बात के स्मार्ट कार्ड से रुपए कटे।
नि:शुल्क इलाज कराने का है नियम
राज्य शासन द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड से मरीजों को 50 हजार तक का नि:शुल्क इलाज कराना है। मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद उसका स्मार्ट कार्ड जमा कर लिया जाता है। इसके एवज में अस्पताल द्वारा मरीज को एक कूपन दिया जाता है। इससे वह अस्पताल में उपचार, दवाइयां व संबंधित जांच करा सकता है। इन सभी राशि का भुगतान स्मार्ट कार्ड द्वारा किया जाता है।
मरीज के परिजन होते हैं परेशान
अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन स्मार्ट कार्ड से संबंधित जानकारी के लिए काफी परेशान होते हैं। परिजनों को स्मार्ट कार्ड के बारे में सही जानकारी नहीं दी जाती है। इससे उन्हें स्मार्ट कार्ड का सही लाभ नहीं मिलता है।