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आर्थिक तंगी से मां व जुड़वा नवजात की मौत, गर्भ में मृत नवजात को लिए 2 दिन से भटक रही थी प्रसूता

locationअंबिकापुरPublished: Sep 13, 2017 04:24:00 pm

सोनोग्राफी की रिपोर्ट में जुड़वा नवजात होने की पुष्टि, एक की गर्भ में हो गई थी मौत, शहरी स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल रेफर

Primary health center Domanhill

PHC Domanhill

चिरिमिरी. आर्थिक तंगी के कारण सोमवार को प्रसूता और व उसके जुड़वा नवजात की मौत हो गई। वहीं प्रसूता अपने गर्भ में 3 दिन से एक मृत नवजात को लेकर घूम रही थी। घटना के दौरान प्रसूता के घर के बाथरूम में मृत नवजात बाहर निकल गया। इसके बाद उसे आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान प्रसूता की भी मौत हो गई।

कोरिया जिले के चिरमिरी स्थित वार्ड क्रमांक 25 बरतुंगा कालरी निवासी आंगनबाड़ी सहायिका कविता सारथी पति जय प्रताप सारथी (32) 9 सिंतबर को शहरी स्वास्थ्य केंद्र जांच कराने गई थी। इस दौरान डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार कर सोनोग्राफी कराकर रिपोर्ट दिखाने की सलाह दी। इससे प्रसूता ने सोनोग्राफी कराकर रीजनल अस्पताल की महिला डॉक्टर नम्रता सिंह से अपना चेकअप कराया था। सोनोग्राफी रिपोर्ट में दो जुड़वा नजवात में एक की मौत होने की पुष्टि की गई थी और ऑपरेशन कर मृत नवजात को बाहर निकालने की बात कही गई।

मामले में मितानिन की सलाह पर 10 सितंबर को शहरी स्वास्थ्य केंद्र डोमनहिल में सुबह चेकअप कराया गया। इसमें स्टाफ ने रिपोर्ट देखकर जिला अस्पताल जाने की सलाह दी थी। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण प्रसूता जिला अस्पताल नहीं गई।
11 सितंबर को दोपहर करीब 1 बजे प्रसूता के घर के बाथरूम में मृत नवजात आधा बाहर निकल गया। इससे परिजनों ने आनन-फानन में शहरी स्वास्थ्य केंद्र भर्ती कराया। यहां डॉक्टर ने मृत नवजात को बाहर निकाला और प्रसूता को अटैक आने से उसकी मौत हो गई। मामले में मंगलवार को पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में पीएम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है।

टीकाकरण से डिलीवरी तक फ्री देखभाल का दावा
जानकारी के अनुसार जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गर्भ ठहने के बाद प्रसव कराने तक फ्री सेवाएं देने का प्रावधान है। इसके अलावा प्रसव के बाद एक महीने तक प्रसूता-शिशु को नि:शुल्क सेवाएं देने का प्रावधान किया गया है। इसमें बीमार पडऩे पर घर से अस्पताल, अस्पताल से घर तक पहुंचाने सहित सारी सुविधाएं निशुल्क मिलती है। बावजूद प्रसूता को जिला अस्पताल तक जाने के लिए 102 महतारी, 108 संजीवनी एक्सप्रेस की सेवाएं नहीं मिली। इससे प्रसूता आर्थिक तंगी के कारण जिला अस्पताल उपचार कराने नहीं जा सकी।

जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम में ये सुविधाएं नि:शुल्क
1. नि:शुल्क संस्थागत प्रसव, सिजेरियन प्रसव।
2. नि:शुल्क दवाइयां सहित अन्य उपयोगी सामग्री।
3. नि:शुल्क रक्त सहित सोनोग्राफी जांच।
4. अस्पताल में भर्ती होने पर नार्मल प्रसव पर तीन दिन, सिजेरियन प्रसव पर सात दिन तक भोजन।
5. नि:शुल्क ब्लड और परिवहन की सुविधाएं।
6. प्रसव के बाद 30 दिन तक नि:शुल्क उपचार, दवाई, परिवहन, जांच सहित अन्य सुविधाएं।

गर्भ में हो चुकी थी एक नवजात की मौत
शनिवार को सहायिका और मितानिन जांच के लिए आई थीं। जांच में सोनोग्राफी रिपोर्ट लाने की बात कही गई थी। रिपोर्ट के आधार पर दूसरे दिन उसके गर्भ में एक नवजात की मौत हो चुकी थी। जिसको सीजर के माध्यम से बहार निकालने के लिए जिला अस्पताल जाने की सलाह दी गई थी। सोमवार को लगभग 1.20 बजे अचानक उन्होंने बच्चे के बाहर होने की जानकारी दी। वर्तमान में नवजात पूरी तरह से विकसित नहीं हुए थे। जब प्रसूता स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी।
डॉ पीके दत्ता, प्रभारी मुख्यमंत्री शहरी स्वास्थ्य केंद्र, डोमनहिल चिरिमिर
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