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अंबिकापुर-दुर्ग ट्रेन हुई लेट तो जबलपुर-अंबिकापुर एक्सप्रेस को एक स्टेशन पहले लगानी पड़ती है ब्रेक, ये है कारण

locationअंबिकापुरPublished: Jan 23, 2019 09:38:44 pm

अंबिकापुर रेलवे स्टेशन पर एक ही प्लेटफार्म पर दौड़ रही चार ट्रेन, परिचालन में आ रही है काफी दिक्कत, आए दिन आपाधापी की स्थिति

Ambikapur station

Ambikapur station

संजय तिवारी
अंबिकापुर. सरगुजा संभाग रेल सुविधाओं के मामले में हमेशा ही पिछड़ा रहा है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का यह संभाग रेलवे को राजस्व भी काफी देता है, लेकिन सुविधाओं के दृष्टिकोण से इसे कभी महत्व नहीं मिला। हालत ये है कि मुख्यालय के रेलवे स्टेशन में एक अतिरिक्त प्लेटफार्म तक की सौगात नहीं मिल सकी है।
इसकी वजह से ट्रेनों के परिचालन में काफी परेशानी आती है। किसी दिन तो आपाधापी तक की स्थिति निर्मित हो जाती है और जब तक एक और प्लेटफार्म यहां नहीं बन जाता, लंबी दूरी की टे्रनों की मांग का कोई औचित्य ही नहीं है।

गौरतलब है कि सरगुजा में रेल कनेक्टिविटी को बढ़ाने की मांग अरसे से चली आ रही है, इसमें अंबिकापुर-बरवाडीह रेल लाइन, अंबिकापुर-रायपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस जैसी बड़ी मांगें शामिल हैं। बरवाडीह रेल लाइन का भविष्य तो अधर में ही नजर आ रहा है, लेकिन रायपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस सहित अन्य लंबी दूरी तक की ट्रेन अगर चलानी है तो पहले अंबिकापुर रेलवे स्टेशन की वर्तमान स्थिति व क्षमता पर भी ध्यान देना आवश्यक हो जाता है।
टर्मिनल तो एक बड़ी मांग है, लेकिन अगर एक और प्लेटफार्म यहां बना दिया जाए तो यह सरगुजा में रेल सुविधाओं की कड़ी में बड़ी सौगात होगी, क्योंकि इससे वर्तमान में यहां से चल रहीं ट्रेनों का परिचालन बाधित नहीं होगा, साथ ही लंबी दूरी की ट्रेनें भी आसानी से चलाईं जा सकेंगी।
लेकिन यह विडंबना ही है कि अतिरिक्त प्लेटफार्म के निर्माण के लिए कोई गंभीर पहल राजनीतिक स्तर पर भी नहीं हुई है। इसकी वजह से एक ही प्लेटफार्म पर चार ट्रेन आपाधापी की बीच दौड़ रही है। इसमें स्टेशन प्रबंधन के साथ ही यात्रियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

अंबिकापुर-दुर्ग एक्सप्रेस के लेट होने से परेशानी
एक ही प्लेटफार्म पर ट्रेनों के चलने से परिचालन बाधित होने की बड़ी समस्या है। इसका खामियाजा यात्रियों को भी भुगतना पड़ता है। जिस दिन अंबिकापुर-दुर्ग एक्सप्रेस रात में निर्धारित समय से लेट होती है, स्टेशन पर आपाधापी की स्थिति निर्मित रहती है। स्टेशन मास्टर से लेकर कर्मचारी तक इधर-उधर दौड़ते नजर आते हैं।
दरअसल अंबिकापुर-दुर्ग एक्सप्रेस के लेट होने की वजह से जबलपुर-अंबिकापुर एक्सप्रेस को कमलपुर स्टेशन में ही रोक कर रखना पड़ता है, जब तक अंबिकापुर-दुर्ग एक्सप्रेस रवाना नहीं हो जाती है, वहां से जबलपुर-अंबिकापुर एक्सप्रेस को ग्रीन सिग्नल नहीं मिलता है।
ऐसे में जबलपुर-अंबिकापुर एक्सप्रेस का निर्धारित समय रात 11 बजे न पहुंचकर, देर रात 12 से 12.15 बजे के बीच पहुंचती है, इससे यात्रियों के साथ स्टेशन प्रबंधन को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

एक और प्लेटफार्म बना तो कोई भी ट्रेन दौड़ा लेंगे
अंबिकापुर रेलवे स्टेशन को अभी लंबी दूरी की ट्रेन से ज्यादा जरूरत एक और प्लेटफार्म की है। जब तक एक और प्लेटफार्म नहीं बन जाता, लंबी दूरी की ट्रेन चलाने की बात का कोई औचित्य नजर नहीं आता, क्योंकि वर्तमान में एक प्लेटफार्म पर चार ट्रेन के परिचालन में काफी दिक्कत आ रही है तो अन्य टे्रनें कैसे चलाई जा सकतीं हैं।
वहीं अगर एक और प्लेटफार्म बना दिया जाए तो कोई भी ट्रेन आसानी से चलाई जा सकती है। साथ ही अतिरिक्त प्लेटफार्म के बन जाने से वर्तमान में जो दिक्कत आ रही है, वह भी दूर हो जाएगी और किसी भी दूसरी ट्रेन को रोक कर रखना नहीं पड़ेगा।

संभाग से मिलता है अच्छा राजस्व
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तहत आने वाले सरगुजा संभाग से रेलवे को काफी राजस्व मिलता है। इसके बावजूद जब रेल व यात्री सुविधा देने की बात आती है तो सरगुजा जैसे महत्वपूर्ण सेक्शन की उपेक्षा हो जाती है।

अंबिकापुर से ये ट्रेन फिलहाल चल रही
अंबिकापुर-दुर्ग एक्सप्रेस
अंबिकापुर-जबलपुर एक्सप्रेस
अंबिकापुर-अनूपपुर-मनेंद्रगढ़
मेमू ट्रेन, अंबिकापुर से अनूपपुर


एक और प्लेटफार्म से ट्रेनों के परिचालन में होगी आसानी
अगर स्टेशन पर एक और प्लेटफार्म बना दिया जाए तो ट्रेनों के परिचालन में आसानी होगी। नई ट्रेनों को भी आसानी से चलाया जा सकता है।
मनोज अजय खलखो, स्टेशन प्रबंधक, अंबिकापुर रेलवे स्टेशन
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