सरिस्का के भीतर होकर भारी वाहनों पर रोक सम्बन्धी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में राज्य सरकार ने टहला की बस सेवा पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं। सरिस्का प्रशासन शुक्रवार से टहला जाने वाली बसों को प्रवेश नही देगा। आदेश का टहला क्षेत्र पर बड़ा असर पड़ेगा।
सरिस्का के भीतर होकर भारी वाहनों पर रोक सम्बन्धी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में राज्य सरकार ने टहला की बस सेवा पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं। सरिस्का प्रशासन शुक्रवार से टहला जाने वाली बसों को प्रवेश नही देगा। आदेश का टहला क्षेत्र पर बड़ा असर पड़ेगा।
आदेश के तहत अब सरिस्का अभयारण्य और राष्ट्रीय पार्क के भीतर किसी भी भारी वाहन का प्रवेश वर्जित रहेगा। अब तक रोडवेज बसों को सरिस्का अभ्यारण्य के भीतर होकर प्रवेश दिया जा रहा था। कोर्ट से मिली रियायत के तहत टहला, पांडुपोल के लिए भी रोडवेज बस सेवा संचालित थी।
कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि पांडुपोल मंदिर के लिए शटल बस सेवा चालू होने तक रोडवेज बस चलाई जा सकेंगी। कुछ माह पूर्व सरिस्का प्रशासन ने शटल सेवा शुरू कर दी, लेकिन इस मार्ग पर रोडवेज बस सेवा भी चालू रखी गई।
अब बुधवार को जारी अतिरिक्त मुख्य सचिव के आदेश के तहत टहला के लिए सरिस्का के भीतर से बसों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सरिस्का के मुख्य वन संरक्षक आरएस शेखावत ने बताया कि शुक्रवार से आदेश की पालना कराई जाएगी। इधर, मत्स्य नगर डिपो के यातायात प्रबंधक के अनुसार डिपो की जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा आदि जाने वाली सभी बसें सरिस्का होकर विराटनगर-जयपुर के लिए निकलती है।
मात्र एक बस अलवर से शाम 4 बजे पाण्डूपोल- टहला होते हुए सेंथल तक जाती है, जो अगले दिन सुबह सेंथल से अलवर आती है। हालांकि, रोडवेज अधिकारियों ने एेसे किसी आदेश की जानकारी होने से इनकार किया है। फिर भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश मिलते हैं तो इसकी पालना कराई जाएगी।
कुछ माह पहले बन्द किया था प्रवेश
गौरतलब है कि सरिस्का के भीतर से कुछ माह पूर्व सभी तरह के वाहनों का प्रवेश सूर्यास्त के बाद से निषेध कर दिया गया था। ज्ञात रहे कि सरिस्का की कुशलगढ़ और थानागाजी सीमा से आगे रात में वाहनों का प्रवेश बन्द है।