शहर के पुराने खस्ताहाल रिंग रोड के निर्माण के लिए जिला प्रशासन द्वारा पिछले 4 दिनों से अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई की जा रही है। गुरुवार की रात में अतिक्रमण हटाने के दौरान बौरीपारा मोड़ पर पूर्व पार्षद संजय मिश्रा की पत्नी व बेटे द्वारा प्रशासनिक अमले के साथ विवाद करते हुए काम रूकवा दिया गया था।
विवाद काफी बढऩे पर सहायक कलक्टर व प्रशिक्षु आईएएस नितिन गौड़ द्वारा उन्हें समझाइश देते हुए शांत भी कराने का प्रयास किया गया। लेकिन इसके बाद भी वे विवाद करते रहे। इसके साथ ही सहायक कलक्टर व तहसीलदार के साथ गाली-गलौज करते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी।
काम रुकने के बाद तहसीलदार रमेश मोर द्वारा कोतवाली में पहुंच पूर्व पार्षद संजय मिश्रा की पत्नी व बेटे के खिलाफ जुर्म दर्ज कराई गई। दोनों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने के आरोप में धारा ५०६, ३५३, १८६ व ३४ के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया है। इधर आरोपी मां-बेटे का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के दौरान उनके साथ प्रशासनिक अमले द्वारा दुव्र्यवहार किया गया था।
आज भी हटाया गया अतिक्रमण
शुक्रवार को बौरीपारा रिंग रोड से पुन: अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान कहीं-कहीं नोटिस को लेकर विवाद भी हुआ। लेकिन प्रशासनिक अमले ने किसी को भी समय नहीं दिया और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी रखी गई। देर शाम तक लरंगसाय चौक तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी थी।
कुछ जगहोंं पर लोगों ने सड़क निर्माण के लिए अपनी जमीन पर स्वेच्छा से सड़क निर्माण किए जाने की सहमति प्रदान की। कार्रवाई के दौरान सहायक कलक्टर नितिन गौड़, एसडीएम पुष्पेन्द्र शर्मा, तहसीलदार रमेश मोर, सीएसपी आरएन यादव, कोतवाली टीआई विनय सिंह बघेल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
बिना नोटिस दिए जाने पर लोगों में आक्रोश
बिना नोटिस दिए जाने के बाद कार्रवाई किए जाने से लोगों में आक्रोश देखा गया। इस संबंध में डिप्टी मेयर अजय अग्रवाल ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि पूर्व में जब रिंग रोड का निर्माण किया गया था, तब जो नाप-जोख कर दोनों तरफ ४०-४० फीट सड़क की निर्माण हेतु मार्किंग के बाद ही लोगों ने निर्माण कार्य किया था।
लेकिन 10 वर्ष बाद जब प्रशासन द्वारा सड़क निर्माण के लिए नाप-जोख की जा रही है तो फिर जमीन कहां पर कम हो जा रही है। पूर्व ठेकेदार द्वारा गलत ढंग से डिवाइडर का निर्माण किया गया था। इसकी वजह से कुछ जगहों पर एक तरफ चौड़ाई ज्यादा दिखाई दे रही है। जबकि दूसरी तरफ चौड़ाई कम नजर आ रही है।
इसकी वजह से लोगों में परेशानी है। उन्होंने कहा कि जब डिवाइडर को तोड़कर पुन: निर्माण किया जाना है तो डामरीकृत सड़क का सेंटर लेकर निर्माण कार्य किया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट के रोक के बाद दी स्वेच्छा से जमीन
पूर्व में रिंग रोड के निर्माण के दौरान मार्तंड सिंह द्वारा हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की गई थी। हाईकोर्ट द्वारा इस पर आदेश जारी करते हुए बिना सुनवाई के कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा था। आदेश के बाद जिला प्रशासन द्वारा सीमांकन भी कराया गया था। उसमें स्पष्ट रूप से लिखा हुआ था कि मार्तंड सिंह ने अपने स्वयं के भूमि पर अहाता व मकान बनाया है,
हाईकोर्ट के रोक के बाद दी स्वेच्छा से जमीन
पूर्व में रिंग रोड के निर्माण के दौरान मार्तंड सिंह द्वारा हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की गई थी। हाईकोर्ट द्वारा इस पर आदेश जारी करते हुए बिना सुनवाई के कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा था। आदेश के बाद जिला प्रशासन द्वारा सीमांकन भी कराया गया था। उसमें स्पष्ट रूप से लिखा हुआ था कि मार्तंड सिंह ने अपने स्वयं के भूमि पर अहाता व मकान बनाया है,
लेकिन पुन: रिंग रोड निर्माण के दौरान आपत्ति करने की बजाय सड़क निर्माण कार्य में प्रशासन की मदद करते हुए अपना अहाता तोड़कर स्वयं की जमीन पर सड़क निर्माण करने की अनुमति प्रदान की। इससे लगभग 4 फीट जमीन उनकी सड़क में चली गई।