जबकि इसी कार्यक्रम में विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि दरी पर खाली पैर बैठे नजर आए। रमन के ये मंत्री जी अपने अनोखे अंदाज के लिए क्षेत्र में मशहूर हैं। गृहमंत्री के घर भागवत कार्यक्रम में भी जहां सीएम खाली पैर बैठे थे वहां श्रममंत्री जूते पहने हुए थे। कुछ दिन पहले उन्होंने सीएम-पीएम सहित भाजपा को कुंवारों की पार्टी बताई थी।
गौरतलब है कि श्रममंत्री भइयालाल राजवाड़े रविवार शाम को नईलेदरी और पाराडोल के बीच ६.७० करोड़ की लागत से निर्मित होने वाली पुलिया का भूमिपूजन करने पहुंचे थे। कार्यक्रम में संसदीय सचिव चंपादेवी पावले, विधायक श्याम बिहारी जायसवाल सहित भाजपा के बड़े नेता भी शामिल हुए।
कार्यक्रम स्थल पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं होने के कारण प्रशासन पर जमकर बरसे और कहा कि संडे हो या मंडे, मंत्री के प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने मंच से ही एसडीएम के बारे में पूछा, लेकिन एसडीएम के नहीं आने की जानकारी मिली। वहीं तहसीलदार आने के बाद चले गए हैं तो गुस्से में कह डाला कि क्या इनके बाप का राज है?
मामले में मंच से ही माइक पकड़कर जमकर चिल्लाए और कहा कि अधिकारी क्यों नहीं आए हैं?, क्या उन्हें मंत्री का प्रोटोकॉल नहीं मालूम है। वहीं श्रममंत्री ने कहा कि इस बारे में आला अधिकारियों से शिकायत की जाएगी।
कार्यक्रम के बैनर में हसदेव मण्डल लिखा था
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कार्यक्रम के बैनर में हसदेव मंडल के नईलेदरी पाराडोल हसदेव नदी पर सेतु निर्माण का स्थल पूजन लिखा हुआ था। निर्माण स्थल का क्षेत्र नगर पालिका नईलदेरी व विकासखण्ड मनेंद्रगढ़ के अंतर्गत आता है। लेकिन कार्यक्रम आयोजक ने हसदेव मण्डल क्षेत्र का नाम जोड़ा गया था।
जूता पहने और कुर्सी में बैठकर पूजा करने की चर्चा
कार्यक्रम स्थल पर श्रममंत्री राजवाड़े ने जूता पहने और कुर्सी पर बैठकर भूमिपूजन किया। वहीं कार्यक्रम स्थल पर संसदीय सचिव, विधायक सहित अन्य भाजपा पदाधिकारी, ग्रामीण जमीन पर बिना जूता-चप्पल पहने ही बैठे थे। इससे कार्यक्रम को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जमीन पर बैठने से श्रममंत्री को किसी कारण से शारीरिक परेशानी हो सकती है, लेकिन भूमिपूजन करते समय जूता नहीं उतारना समझ से परे है।
खेद का है विषय
प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर अफसरों को कार्यक्रम स्थल पर आना चाहिए। एसडीएम तो आए ही नहीं थे, वहीं तहसीलदार आए और चले गए थे। यह खेद का विषय है। मंत्री का कार्यक्रम है तो अफसरों को आना चाहिए।
भईयालाल राजवाड़े, श्रम खेल एवं युवा कल्याण मंत्री