गौरतलब है कि निर्माण एजेंसी के सर्वे के बाद जिला प्रशासन द्वारा रिंग रोड किनारे रहने वाले 181 लोगों को नोटिस जारी कर उन्हें तत्काल अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए थे। इस नोटिस के बाद लगभग 22 लोगों ने नोटिस के विरुद्ध अपनी आपत्ति दर्ज कराई है, परंतु मिशन चौक से आकाशवाणी चौक के बीच रहने वाले 3 नागरिकों ने मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिकाकर्ताओं के मुताबिक 24 मीटक की सड़क के निर्माण हेतु डिवाइडर का निर्धारण गलत तरीके से किया गया है। शिकायतकर्ताओं के अनुसार डिवाइडर को गांधी चौक की ओर से आने वाले दिशा में दाहिने तरफ दबा कर बनाया गया है जिससे कई मकान प्रभावित हो रहे है।
याचिका को लेकर हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को यह निर्देश दिया है कि शिकायत करने वालों के सामने ही सड़क का पुन: सीमांकन कराकर उन्हें संतुष्ट किया जाए। जिसे लेकर तहसीलदार रमेश मोर के नेतृत्व में राजस्व अमला सोमवार की शाम से ही मिशन चौक से आकाशवाणी चौक के बीच चांदा मिलाने का कार्य किया जा रहा था।
मंगलवार सुबह से राजस्व अमले ने रिंग रोड के सीमांकन का कार्य प्रारंभ किया जो देर शाम तक जारी रहा। इस दौरान सड़क के दोनों ओर से नाप ली गई परन्तु देर शाम तक वस्तुस्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी थी। इस दौरान कई बार विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हुई। शिकायतकर्ता सीमांकन से संतुष्ट नहीं होने पर पुन: हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कह रहे हैं।
24 मीटर की बनेगी सड़क
24 मीटर की सड़क के लिए वर्तमान में किए गए सीमांकन में कई स्थानों पर ढाई मीटर तक अतिक्रमण की बात सामने आई है। डिवाइडर को आधार मानकर किए गए सीमांकन में काली मंदिर भी 1.5 मीटर तक टूटने की कगार पर है तो कई घर 2.6 मीटर तक टूटेंगे। लोगों का कहना है कि पूर्व में भी रिंग रोड का सीमांकन हुआ है।
आज से 10 साल पहले हुए सीमांकन में सभी मकान अपने स्थान पर थे। इसके साथ ही कुछ लोगों ने लोक सुराज के दौरान भी सीमांकन कराया है जिसमे वें अपनी जमीन पर ही स्थापित है तो फिर अब कैसे उनका मकान व भवन अतिक्रमण के दायरे में आ गया है।