राशन दुकानदार 2 महीने से कह रहे ‘नहीं आ रहा चना’
राशन कार्डधारियों को उचित मूल्य दुकान से नहीं मिल रहा चना, वहीं गेहूं के अभाव में कार्डधारकों को दिया जा रहा है चावल
अंबिकापुर. सरकारी राशन दुकानों में चने का टोटा हो गया है। पिछले दो माह से कार्ड धारकों को राशन दुकानों से बिना चना लिए ही वापस जाना पड़ रहा है। कार्डधारी जब राशन दुकान संचालक से चने देने की बात करते हैं तो उनके द्वारा कहा जाता है कि दो महीने से चना ही नहीं आ रहा है।
इधर दाल की कीमत में बढ़ोतरी से आम लोगों के भोजन की थाली से दाल दूर हो गया है। राहत के तौर पर उचित मूल्य दुकानों से मिलने वाले चने से ही लोग गुजारा कर रहे थे, लेकिन माह जून का चना भंडारण उचित मूल्य दुकानों में नहीं हुआ है। ऐसे में गरीब तबके के लोग बाजार से महंगे दामों पर चना खरीदकर दाल खा रहे हैं।
बावजूद इसके राशन गोदामों पर चना समेत अन्य सामान उपलब्ध कराने को लेकर अफसर गंभीर नहीं हैं। इधर गेहूं की कमी के चलते कार्डधारकों को उसके स्थान पर 5 किग्रा चावल दिया जा रहा है।
450 से ज्यादा दुकान संचालित
जिले में उचित मूल्य के 450 से ज्यादा दुकान संचालित हो रहे हैं, जहां प्रति माह 5000 क्विंटल से ज्यादा चने की खपत होती होती है। सस्ते दर में मिलने वाले चने का उपयोग लोग दाल के तौर पर करते हैं। चना वितरण नहीं होने से अब दाल की खरीदी लोगों की क्षमता से बाहर हो गया है। वर्तमान में अरहर दाल 150 से 170 रुपए प्रति किग्रा की दर से विक्रय हो रहा है। चने की आवक में विराम लगने से अब दुकान से दाल खरीदी पर निर्भरता बढ़ी है। इसका लाभ उठाते हुए दुकानदार औने-पौने दाम में दाल बेच रहे हैं।
60 रुपए खरीद रहे चना
वार्ड नम्बर 28 के कार्डधारक सुरेश ने बताया कि पिछले माह से सरकारी राशन की दुकान से चना नहीं मिल रहा है। इस कारण वह बाजार से 50 से 60 रुपए किग्रा की दर से चना खरीद रहा है। जबकि सरकारी राशन दुकान पर इसके आधे दाम पर चना मिल जाता था। महंगाई की वजह से उसके महीने के खर्च का बजट बिगड़ गया है।
गोदाम में चना समाप्त होने की वजह से सरकारी दुकानों पर सप्लाई नहीं हो रही है। इसको उपलब्ध कराने के लिए आला-अफसरों को पत्र लिखा जा चुका है। जल्द ही दुकानों से कार्ड धारकों को चना मिलेगा।
जीएस राठौर, जिला खाद्य अधिकारी