उसने टीएल मीटिंग के बाद जनदर्शन में लोगों की समस्याएं सूनीं। एक दिन के लिए कलक्टर बने अमित कुमार का सपना वास्तव में आईएएस बनकर देश की सेवा करने का है। भले ही वह एक दिन का कलक्टर बना हो लेकिन उसे अपना सपना सच होने जैसा प्रतीत हो रहा था। इधर सूरजपुर जिले में कलक्टर की कमान सुवारपारा के ही सुरेंद्र प्रसाद ने संभाली।
युवा महोत्सव के तहत 5 लाख युवाओं के बीच विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। प्रतियोगिता के 5वें चरण में विजेता युवाओं को मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के 27 जिलों में एक दिन का शैडो कलक्टर बनाया गया। सभी जिलों के कलक्टर के पास मुख्यमंत्री का लेटर भी इस संबंध में पहुंच चुका था।
इसमें लिखा गया था कि शैडो कलक्टर के रूप में युवा कलेक्टोरेट के रूटीन के कामों को नजदीक से देखेंगे। इसी कड़ी में सरगुजा जिले में शैडो कलक्टर का पद्भार बतौली के सुवारपारा निवासी अमित कुमार पिता स्व. महेश्वर कोरवा ने संभाला। अमित सीतापुर कॉलेज में बीए फाइनल का छात्र है।
वह मंगलवार की सुबह युवा महोत्सव के नोडल अधिकारी व सीतापुर कॉलेज के प्रोफेसर बी चौहान के साथ कलक्टर बंगला पहुंचा। उसने कलक्टर किरण कौशल से मुलाकात की और उनके साथ कलक्टोरेट पहुंच गया। यहां अमित कुमार पहले कलक्टर ऑफिस पहुंचा और सभी से परिचय प्राप्त किया।
फिर टीएल मीटिंग में हिस्सा लेने के बाद उसने जनदर्शन में कलक्टर के साथ बैठकर लोगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान कलक्टर ने उससे कहा कि वह समस्याओं के निराकरण के संबंध में अपने स्तर से जवाब दे। अमित कुमार ने बखूबी अपने कार्यों का निर्वहन भी किया।
सिर से उठ चुका है माता-पिता का साया
अमित कुमार पहाड़ी कोरवा परिवार से है। उसकी 4 बहन भी हैं। 14 साल की उम्र में ही उसके सिर से माता-पिता का साया उठ चुका था। इसके बाद बड़े पापा-मम्मी जितेंद्र प्रसाद व धनकुंवारी सभी भाई-बहनों की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। पत्रिका से बातचीत में अमित ने बताया कि वह आगे चलकर आईएएस बनना चाहता है।
कलक्टर बनकर करना चाहता है ये काम
अमित कुमार ने बताया कि वह कलक्टर बनकर अपने गांव सुवारपारा में सड़क की समस्या को दूर करना चाहता है। इसके अलावा उसने बताया कि सरकार की योजना को लोगों तक पहुंचाना, समस्याओं के त्वरित निराकरण का प्रयास करना, बेरोजगारी की समस्या को दूर करना उसकी प्राथमिकताओं में होगा। वहीं वह कोरवा समाज में फैले नशे को जड़ से समाप्त करने जागरुकता लाना चाहता है।