गांव के दोनों पारा तक एंबुलेंस नहीं पहुंचने की हालत में बीमार लोगों को मेडिकल सहायता से वंचित रहना पड़ता है। ऐसे में पारा में रहने वाले नेताओं और अफसरों पर तंज कसते हुए कहते हैं कि वोट के समय रोड बनाने का आश्वासन देते हैं, जीतने के बाद भूल जाते हैं। सत्ता की चकाचौंध में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पंडो आदिवासियों को भुला दिया गया है।
बीते शुक्रवार को आनंदपुर के इमलीपारा की पंडो जनजाति महिला सोनकुवंर पंडो पति बृजलाल पंडो उम्र लगभग 30 को घर में सांप ने डस लिया था। इससे महिला बेहोश हो गई थी। उसे बेहोशी हालत में खाट पर परिजन ढोकर लगभग तीन किलोमीटर चलकर पहुंच मार्ग पर लाए, फिर उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ओडग़ी ले जाया गया तब कहीं जाकर महिला की जान बची।
इस पारा में बरसात के दिनों में अक्सर इस तरह का नजारा देखने को मिलते रहता है। ग्राम पंचायत आनंदपुर के सरपंच दिलीप पंडो ने कहा कि इमलीपारा में लगभग 3 किलोमीटर का रास्ता पगडंडी है, यहां कभी सडक़ का निर्माण हुआ ही नहीं है। इस समस्या को मैं आम ग्राम सभा व जन समस्या शिविर में निराकरण के लिए प्रस्ताव के माध्यम से अवगत करा चुका हूं परन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है ।
जिला प्रशासन समस्या का जल्द करे समाधान
ग्राम पंचायत आनंदपुर के इमलीपारा व बहेराडाड़ के पंडो जनजाति के बसंत लाल, गोपाल पंडो, बृजलाल, पवन, बहसलाल का कहना है कि हमारे यहां के पुल, बिजली, सडक़, पानी आदि समस्याओं का समाधान जिला प्रशासन व सूरजपुर कलेक्टर जल्द करें। अन्यथा उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।