बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के वाड्रफनगर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत स्याही व पंडरी में विगत तीन सप्ताह से एक कंबल वाले बाबा का भूत लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। अंधविश्वास की जड़ें ग्रामीणों में इस कदर फैल गईं हैं कि छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार से हजारों की संख्या में लोग अस्पताल छोड़कर कंबल वाले बाबा के पास अपनी बीमारियों का इलाज कराने पहुंच रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज, कई अस्पताल फिर भी ये कैसा अंधविश्वास
जब प्रदेश के गृहमंत्री ही बाबाओं के चक्कर में पड़कर अंधविश्वास को बढ़ावा देंगे तो फिर जनता में कैसा संदेश जाएगा। वे स्याही जाकर ग्रामीणों से ऐसे किसी भी बाबा के चक्कर में न पडऩे की अपील करते तो ये एक आदर्श स्थापित होता। लेकिन वे खुद ही अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर शुगर की बीमारी का उपचार कराने बाबा की शरण में चले गए। जबकि संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में मेडिकल कॉलेज सहित गांव-गांव में कई अस्पताल हैं।
बाबा से इलाज कराने में बुराई क्या है
मैंने बाबा के बारे में बहुत सुना था इसलिए अपनी शुगर का इलाज कराने चला गया। बाबा द्वारा नि:शुल्क उपचार किया जाता है, कोई शुल्क नहीं लेते तो इसमें बुराई क्या है।
रामसेवक पैंकरा, गृहमंत्री, छग शासन