इसके बाद भी युवक ने हिम्मत नहीं हारी। वह भालू से लड़ता रहा। अंतत: भालू उसे छोड़कर जंगल में भाग गया। इसके बाद वह किसी तरह वहां से लहूलुहान हालत में घर पहुंचा और परिजनों को जानकारी दी।फिर परिजनों द्वारा तत्काल उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उसका इलाज जारी है।
उदयपुर विकासखंड के ग्राम मृगाडांड़ निवासी 29 वर्षीय रजनराम पिता रामदास रविवार की सुबह गांव के ही १०-१५ लोगों के साथ बरकाडांड़ जंगल में तेंदूपत्ता तोडऩे गया हुआ था। वह पत्ते तोड़ ही रहा था अचानक 3 भालू वहां पहुंच गए। इस दौरान एक भालू ने उस पर हमला कर दिया। भालू से बचने वह उससे भिड़ गया।
भालू के लगातार 3 बार के वार से किसी तरह वह अपने आप को बचाता रहा, लेकिन चौथी बार भालू ने उसका सिर अपने पैने नाखूनों से नोच डाला। इससे वह लहूलुहान हो गया। घायल अवस्था में ही उसने हिम्मत नहीं हारी और भालू से लड़ता रहा। रजन राम ने अपनी जिंदगी बचाने के लिए काफी देर तक भालू के साथ मुकाबला किया।
इससे घबराकर भालू वहां से जंगल में भाग गया। इधर भालू के हमले से लहूलुहान रजन की आवाज सुनकर आस-पास के लोग दौड़कर पहुंचे। वे तत्काल उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर ले गए। यहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए रेफर कर दिया। इसके बाद परिजनों द्वारा उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उसका इलाज जारी है।
जंगल से निकलकर रिहायशी इलाकों में घुस रहे भालूसरगुजा जिले में भालुओं का आतंक है। उदयपुर के जंगल से लगे गांव भी इससे अछूते नहीं हैं। यहां से आए दिन भालुओं द्वारा ग्रामीणों को घायल करने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। इधर भालू जंगल से निकलकर शहर में भी अब घुसने लगे हैं। रविवार की सुबह अंबिकापुर के समलाया
मंदिर इलाके में भालू घुस आया था। बाद में उसे ट्रैंक्यूलाइज कर पकड़ा गया था।