इसके अलावा चारों को एक पत्र जारी कर वसूली की राशि कुल 82 लाख 79 हजार 812 रुपए 15 अप्रैल तक जमा करने की चेतावनी दी है। कुलसचिव ने चारों सहायक प्राध्यापकों (Assistant professors) से वित्तीय अनियमितता के मामले में आरोप सिद्ध होने तथा राशि वसूली के निर्णय की जानकारी देते हुए उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु एसपी को भी पत्र लिखा है।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज लखनपुर में पदस्थ सहायक प्राध्यापक डॉ. राजेश कुमार साहू, सुदीप श्रीवास्तव, गुरप्रीत सिंह व डॉ. हरिशंकर चंद्रा पर लाखों रुपए के वित्तीय अनियमितता (Financial irregularity) के आरोप लगे थे।
शासकीय राशि के गबन के आरोप लगने के बाद जुलाई 2020 में चारों सहायक प्राध्यापकों को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने चारों सहायक प्राध्यापकों के खिलाफ विभागीय जांच संस्थित की थी। अब विभागीय जांच पूरी हो गई है, इसमें चारों सहायक प्राध्यापकों पर लगे वित्तीय अनियमितता के आरोप सही पाए गए हैं।
आरोप सही पाए जाने के बाद छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई के कुलसचिव डॉ. केके वर्मा ने चारों सहायक प्राध्यापकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर पद’युत की कार्यवाही की चेतावनी देते हुए 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है, साथ ही चारों को एक और पत्र जारी कर 15 अप्रैल तक वसूली की राशि जमा करने की भी चेतावनी दी है।
प्रत्येक से इतनी राशि की होगी वसूली
कुलसचिव डॉ. केके वर्मा द्वारा जारी पत्र में सहायक प्राध्यापक डॉ. राजेश कुमार साहू से 30 लाख 59 हजार 814 रुपए, डॉ. हरिशंकर चंद्रा से 14 लाख 8 हजार 606 रुपए, सुदीप श्रीवास्तव से 19 लाख 5 हजार 696 रुपए तथा गुरप्रीत सिंह से 19 लाख 5 हजार 696 रुपए वसूले जाने हैं। इस तरह से चारों से कुल 82 लाख 79 हजार 812 रुपए की वसूली होगी।
चारों के खिलाफ अपराध दर्ज करने लिखा पत्र
छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई के कुलसचिव डॉ. केके वर्मा ने चारों निलंबित सहायक प्राध्यापकों के वित्तीय अनियमितता के संबंध में एक पत्र पुलिस अधीक्षक, सरगुजा को लिखा है। इसमें कुलसचिव ने बताया है कि चारों सहायक प्राध्यापकों के खिलाफ विभागीय जांच में आरोप सही पाए गए हैं।
इनके खिलाफ पद’युत की कार्यवाही भी प्रस्तावित है। साथ ही इनसे कुल कुल 82 लाख 79 हजार 812 रुपए की वसूली किए जाने का निर्णय लिया है। कुलसचिव ने वित्तीय अनियमितता के गंभीर प्रकरण में चारों सहायक प्राध्यापकों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने की मांग एसपी से की है।