गांधी चौक पर भाजपा द्वारा राष्ट्रीय आह्वान पर सुबह 11 बजे से उपवास व धरना का आयोजन किया गया। इस दौरान सांसद कमलभान सिंह ने कहा कि उपवास व धरने का कार्यक्रम अत्यंत आवश्यक था, ताकि जनता को विपक्ष की संसद में नकारात्मक भूमिका उजागर हो सके। सत्र में पूरे 23 दिन तक लगातार संसद को बाधित कर प्रश्नकाल भी नहीं चलने देना लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ जैसा है। यह जनादेश व संसदीय मर्यादा का अपमान है।
कांग्रेसियों को बस वेतन व भत्ते से मतलब
भाजपा प्रदेश मंत्री अनुराग सिंहदेव ने कहा कि वर्ष 2000 के बाद पहली बार विपक्ष द्वारा संसद की कार्यवाही में इतनी बड़ी बाधा पहुंचाई गई है। 23 दिन बिना किसी चर्चा के सिर्फ हंगामे की भेंट सदन चढ़ गया। संसद की कार्यवाही न होने पर भाजपा व एनडीए के सांसदों ने तो 23 दिन का वेतन व भत्ता नहीं लेने की घोषणा की, परन्तु कांग्रेस व विपक्ष के सांसदों ने इसकी जरूरत नहीं समझी। उन्हें तो बस अपने पैसों से मतलब था। उन्होंने कहा कि चार दिन पहले कांग्रेस का भी उपवास था परन्तु उपवास में छोले भटूरे खाकर कांग्रेस ने अपना चरि़त्र दिखा दिया।
कांग्रेस का लोकतंत्र पर नहीं रहा भरोसा
भाजपा जिला अध्यक्ष अखिलेश सोनी ने कहा कि आजादी के बाद 50-60 सालों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी हुई राज्य सरकारों को कांग्रेस ने बर्खास्त करने का काम किया है। कांग्रेस का कभी भी लोकतंत्र पर भरोसा नहीं रहा। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने लोकतंत्र को स्थापित करने के लिये अपने प्राणों की आहूति दी। भाजपा ने कांग्रेस के काले चेहरों को उजागर करने के लिये धरना व उपवास रखा है।
भाजपाइयों ने दी श्रंद्धाजलि
हेमचंद यादव के निधन पर भाजपाइयों ने धरना स्थल पर ही २ मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रंद्धाजलि दी।