नेता प्रतिपक्ष ने जब खेत में चलाई गैंती तब समझ में आया महिला मजदूरों का दर्द, हाथों में पड़ गए छाले
जनघोषणा पत्र तैयार करने हर वर्ग के लोगों से लिए जा रहे सुझाव, टीएस ने कहा- जमीन की कठोरता व सॉफ्टनेस के हिसाब से तय होनी चाहिए मजदूरी

अंबिकापुर. कांग्रेस द्वारा जनघोषणा पत्र तैयार करने हेतु दो दिनों तक नेता प्रतिपक्ष व घोषणा पत्र के प्रदेशाध्यक्ष टीएस सिंहदेव जहां पैदल चलकर लोगों से मुलाकात की। वहीं मनरेगा के मजदूर की तरह फावड़ा व गैती चलाकर हकीकत को भी जाना। उन्होंने महिला मजदूरों का हाल जानने खेत में गैंती भी चलाई, इस दौरान उनके हाथों में छाले भी पड़ गए।
दिनभर हुई भागम-भाग़ के बाद कई ऐसे सुझाव उन्हें मिले जिसे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल करने की बात कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय का अधिकारीकरण हो जाने से जनप्रतिनिधियों के अधिकार समाप्त हो गए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि कई ऐसे सुझाव मिले जो नीतिगत फैसले पर आधारित हैं और उस संबंध में आवश्यक निर्णय लिया जाएगा।
कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव से पूर्व घोषणा-पत्र तैयार करने हेतु लोगों से सुझाव लेने नेता प्रतिपक्ष सहित एआईसीसी सदस्य व पदाधिकारी खुद ही लोगों के पास पहुंच रहे हैं। कांग्रेस द्वारा दावा किया जा रहा है कि इस बार पार्टी द्वारा नहीं बल्कि लोगों द्वारा घोषणा-पत्र तैयार किया जाएगा। उसी आधार पर छत्तीसगढ़ का चुनाव लड़ा जाएगा। दो दिनों के अंदर नेता प्रतिपक्ष ने ७२ संगठनों से मिलकर उनके सुझाव लिए।
बुधवार को नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव सुबह-सुबह लोगों से सुझाव लेने पदाधिकारियों के साथ शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के लिए निकल पड़े। इस दौरान ग्राम पंचायत नवाबांध में मनरेगा कार्य के भुगतान को लेकर विसंगति की बात लोगों ने उनकी सामने रखी। मनरेगा मजदूरों ने बताया कि काम होने के बाद भी पारिश्रमिक भुगतान के लिए उन्हे महीनों अधिकारियों व कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है।
ऐसी कोई व्यवस्था हो, जिससे काम होने के तुरंत बाद उन्हें मनरेगा का भुगतान हो सके। मजदूरों ने बताया कि जिले में कहीं जमीन कड़ा है तो कहीं मुलायम है। लेकिन दोनों का भुगतान एक जैसा किया जाता है। जबकि हार्ड जमीन पर काम में मेहनत ज्यादा लगता है। इसलिए भुगतान अलग-अलग होना चाहिए। विभिन्न समाजिक संस्था के पदाधिकारियों ने भी नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव से मुलाकात की।
सामाजिक संस्था के पदाधिकारियों ने अलग से ड्राफ्ट तैयार कर देने की बात कही। इस दौरान उनके साथ एआईसीसी के पॉलिसी कमेटी के सदस्य अमिताभ दुबे, एआईसीसी सदस्य आदितेश्वर शरण सिंहदेव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, द्वितेन्द्र मिश्रा, राकेश गुप्ता, सैय्यद अख्तर हुसैन साहित अन्य उपस्थित थे।
डॉक्टरों ने कहा- मिल रहा है कम वेतन
युवा डॉक्टर अलग से नेता प्रतिपक्ष से मिले। उन्होंने कहा कि एमबीबीएस डॉक्टरों को मध्यप्रदेश से भी कम वेतन यहां दिया जा रहा है। शहडोल में समान डॉक्टरों को जहां 85 हजार वेतन दिया जा रहा है। वहीं यहां पर 50 हजार रुपए दिया जा रहा है।
पेरीफेरी नियम के तहत पीएससी व सीएससी के डॉक्टरों को पीएम का भत्ता 500 रुपए दिया जाता है, जबकि हरियाणा में यह भत्ता 1500 रुपए दिया जा रहा है। इसके साथ भृत्य को 50 रुपए दिया जाता है। जबकि अन्य राज्य में 500 रुपए दिया जा रहा है।
वन विकास निगम कर के साथ जीएसटी
नेता प्रतिपक्ष के सामने वन ठेकेदार संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा पूरे देश में एक कर के तहत जीएसटी लागू किया गया है लेकिन उनसे जीएसटी के साथ ही वन विकास निगम का ३ प्रतिशत कर भी लिया जा रहा है। इसे जीएसटी के दायरे में लाने का सुझाव दिया गया।
मजदूरों के कहने पर चलाया फावड़ा
मनरेगा मजदूरों ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि हार्ड जमीन पर फावड़ा चलाने पर कई बार उनके हाथों पर छाले पड़ जाते हैं लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं देता। मजदूरों के कहने पर नेता प्रतिपक्ष ने हार्ड जमीन पर फावड़ा चलाया। मजदूरों के कहने पर उन्होंने अलग-अलग जगह पर फावड़ा चलाकर पसीना बहाया। इस दौरान उनके हाथो में भी छाले पड़ गए और उन्होंने अलग-अलग जमीन पर काम करने के लिए अलग-अलग दर निर्धारित करने की बात मानी।
नगरीय प्रशासन का हो गया है अधिकारीकरण
नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि नगरीय प्रशासन द्वारा पूर्व में निगम को नीति निर्धारण करने का अधिकार मिला हुआ था लेकिन वर्तमान में इस अधिकार को काट जनप्रतिनिधियों के अधिकार को कम कर दिया गया है। आज नगरीय प्रशासन का अधिकारीकरण हो गया है। महापौर को हस्ताक्षर का अधिकार नहीं है। निगम आयुक्त को सारे अधिकार प्राप्त है, ऐसे में महापौर या फिर अन्य जनप्रतिनिधि कोई भी निर्णय नहीं ले पाते हैं।
भाजपा से जुडे लोगों ने भी दिए सुझाव
नेता प्रतिपक्ष ने कहा दो दिनों के दौरान भाजपा के कार्यकर्ता तो नहीं लेकिन उनसे जुड़े संगठन के लोगों ने सुझाव दिए। इसमें चार्टड अकाउंटेंट, उद्योगपति, व्यवसायी कई ऐसे लोग मिले जो दिल से भाजपा के साथ जुड़े हैं, लेकिन कुछ नीतिगत फैसले लेने के लिए अपने सुझाव दिए। इसका लाभ चुनाव में भी मिलेगा।
जिला मुख्यालय मे बनेगा प्रेस क्लब
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनी तो संभाग मुख्यालय या फिर जिला मुख्यालय में प्रेस के लिए अलग से प्रेस काम्पलेक्स या फिर भवन का निर्माण किया जाएगा। ताकि पत्रकारों को सहलूयित हो सके। इसके साथ ही उन्होंने अलग से पत्रकारों के लिए पॉलिसी बनाने की भी बात कही।
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