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आवाज सुन सास-ससुर दौड़कर पहुंचे तो देखा आग से जल रही थी बहू, बेटा देख रहा था तमाशा, मौत के बाद भी नहीं आया देखने

locationअंबिकापुरPublished: Sep 23, 2019 08:20:55 pm

Burnt alive: मृतका के भाई ने लगाया जीजा पर प्रताडि़त करने का आरोप, मौत के बाद भी अस्पताल नहीं पहुंचने पर उठ रहे सवाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी

आवाज सुनकर सास-ससुर दौड़कर पहुंचे तो देखा आग से जल रही थी बहू, बेटा देख रहा था तमाशा, मौत के बाद भी नहीं आया देखने

Burnt alive

अंबिकापुर. एक महिला ने रविवार की दोपहर अपने शरीर पर मिट्टी तेल छिड़क कर आग लगा ली। इस दौरान पति उसे जलता (Burnt alive) देख रहा था। इधर बहू के चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोस में पूजा करने गए सास-ससुर दौड़कर पहुंचे।
उन्होंने उसे आंगन में जलते देखा तो किसी तरह अन्य लोगों की मदद से आग बुझाई। गंभीर अवस्था में उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था, यहां इलाज के दौरान उसकी मौत (Wife death to burnt alive) हो गई। वहीं मौत के बाद भी महिला का पति उसे देखने तक नहीं पहुंचा।

बलरामपुर जिले के ग्राम डुमरखोरवा निवासी 25 वर्षीय माया ङ्क्षसह पति इंद्रदेव सिंह के सास-ससुर रविवार की दोपहर जिउतिया पर्व की पूजा करने पड़ोस के घर गए थे। इस दौरान माया अपने पति इंद्रदेव के साथ घर में थी। अचानक चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोस में पूजा कर रहे उसके सास-ससुर दौड़कर घर पहुंचे तो बहू आंगन में जल (Burnt alive) रही थी।
ग्रामीणों की मदद से आग बुझाई गई और संजीवनी 108 से उसे इलाज के लिए बलरामपुर अस्पताल लाया गया। यहां प्राथमिक उपचार कर महिला की स्थिति को गंभीर देखते हुए उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

भाई ने लगाया प्रताडऩा का आरोप
घटना की जानकारी मिलने पर मायके वाले मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। यहां मृतिका के भाई गोविन्द सिंह ने बयान में पुलिस को बताया कि पति उसकी बहन के साथ आए दिन विवाद करता था। वह मायके से घरेलू सामान मांगने के लिए बहन को परेशान करता था। प्रताडऩा से तंग आकर बहन ने आत्महत्या की है।

पति नहीं पहुंचा अस्पताल
महिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोस में पूजा कर रहे सास-ससुर अपने घर पहुंचे तो बहू जल रही थी, जबकि घर में ही पति था। उसने आग बुझाने (Burnt alive) का भी प्रयास नहीं किया।
परिजन ने मृतका के पति से पूछा कि आग कैसे लगी तो उसने बताया कि पत्नी ने स्वयं आग लगा ली थी। इसके बाद वह न तो पत्नी का इलाज कराने बलरामपुर अस्पताल गया और न ही अंबिकापुर पहुंचा।

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