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लापरवाह सिस्टम: कोरोना से पिता की हो चुकी थी मौत, इधर बेटा तीनों टाइम अस्पताल में पहुंचाता रहा नाश्ता-खाना, फिर…

Careless System: मेेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही उजागर, कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) मरीज की मौत के बाद परिजन को नहीं दी सूचना, जब बेटा पीपीई किट (PPE Kit) पहनकर आईसीयू में पहुंचा तो पता चला एक दिन पहले ही हो गई है मौत (Death from Corona)

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Death from corona

Corona positive relatives

अंबिकापुर. मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical college Hospital) प्रबंधन कई बार अपनी लापरवाह कार्यप्रणाली के लिए भी सुर्खियों में रहता है। ऐसी ही करतूत उसने एक बार फिर कर दिखाई। कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद भी उसके परिजन को सूचना नहीं दी। शव मरच्यूरी में रखवा दिया।

इधर मरीज के परिजन उसके लिए तीनों टाइम नाश्ता व खाना अस्पताल के आईसीयू में पहुंचाते रहे, पर किसी ने उन्हें यह बताना जरूरी नहीं समझा कि उनके मरीज की मौत हो गई है। दूसरे दिन जब बेटा पीपीई किट पहनकर पिता से मिलने पहुंचा तब लापरवाही उजागर हुई। उसे बताया गया कि एक दिन पहले ही उसके पिता की मौत हो चुकी है।

यह सुन बेटे के पांव तले से जमीन खिसक गई। इसके बाद वह रोता हुआ लापरवाह सिस्टम को कोसता हुआ निकला। इधर मामले की जानकारी जब अस्पताल अधीक्षक को दी गई तो उन्होंने जांच कर कार्रवाई की बात कही।

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अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड वार्ड में हर दिन 4-7 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो रही है। डॉक्टर व स्टाफ संक्रमितों को बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं लेकिन लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या के कारण कभी कभार अस्पताल प्रबंधन से चूक भी हो रही है।

इसी बीच अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। सूरजपुर जिले के बिश्रामपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सतपता निवासी पारस राजवाड़े की तबियत बिगडऩे के बाद परिजन उसे 20 अपै्रल को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर आए थे। जांच में कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) मिलने के बाद उसे कोविड वार्ड में शिफ्ट कराया गया।

उसकी स्थिति खराब होने पर आईसीयू में रखकर इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान मरीज की 2 मई की दोपहर करीब डेढ़ बजे उसकी मौत हो गई। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के परिजनों को इसकी सूचना नहीं दी। जबकि मरीज के पुत्र ने पिता को अस्पताल में भर्ती कराने के दौरान अपना मोबाइल नंबर भी दिया था।

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पिता का मोबाइल आता रहा स्वीच ऑफ
मृतक के पुत्र का आरोप है कि रविवार की शाम जब वह खाना पहुंचाने अस्पताल पहुंचा था तो इस दौरान भी पिता के मौत (Death from corona) की सूचना अस्पताल प्रबंधन ने उसे नहीं दी। यही नहीं, मरीज तक खाना पहुंचाने की बात कह कर ड्यूटी में तैनात कर्मचारी ने पुत्र को अस्पताल से लौटा दिया।

इस दौरान परिजन ने कई बार मरीज से मोबाइल के जरिए संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उसका मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा था। जब पुत्र 3 मई की सुबह नाश्ता लेकर अस्पताल पहुंचा और आईसीयू में भर्ती पिता के मोबाइल नंबर पर फिर फोन लगाया लेकिन इस बार भी फोन स्विच ऑफ था।

बेटे को जब किसी अनहोनी का अंदेशा हुआ तो वे खुद पीपीई किट पहनकर पिता से मिलने आईसीयू में पहुंच गया। यहां पिता बेड पर नहीं था। इसके बाद पुत्र सहित अन्य परिजन ने जानकारी एकत्रित करनी शुरु की तो पता चला कि एक दिन पहले ही मरीज की मौत हो चुकी है, वहीं शव हो मरच्यूरी में रख दिया गया है।

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शव लेने घंटों करना पड़ा इंतजार
कागजी कार्रवाई की वजह से सोमवार को भी परिजनों को शव लेने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। वहीं इस मामले के सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर लखन सिंह का कहना है कि इस घटना की जांच कराई जाएगी। जांच पूरी होने के बाद कार्यवाही भी होगी।

लेकिन सवाल यह उठता है कि जिला प्रशासन (District Administration) की लाख निगरानी के बावजूद इस तरह की चूक मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन से कैसे हो रही है।


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