यहीं पर एक घाटी में पानी चढ़ाई की ओर बहता है। अपनी कुदरती छटा के लिए विख्यात मैनपाट के पहाड़ में आपके कदमों से हिलती धरती जलजली, ऊपर की ओर पानी के बहाव के लिए और अब हाल ही में कार को ऊपर की ओर खिंचने वाले जगह की खोज हुई है। यहां पर न्यूट्रल में होने के बावजूद आपकी कार ढलान की बजाय ऊपर की ओर 100 मीटर तक ऐसे लुढकती है जैसे कोई खींच रहा हो। जबकि इस घाटी की ऊंचाई 5 फीट तक है।
छत्तीसगढ़ का शिमला ‘मैनपाट’ अब तक प्राकृतिक खूबसूरती व जलजली (हिलती धरती) के नाम से ही मशहूर था। लेकिन यहां का बिसरपानी गांव भी अभी कुछ महीनों से प्रदेश व देश में सुर्खियों में हैं। इस गांव में स्थित ‘उल्टापानी’ जहां ग्रामीणों द्वारा पहाड़ की ओर बनाए गए मेढ़ में गुरूत्वाकर्षण के विपरीत पानी एक ही धार में साल भर बह रहा है।
यह जगह लोगों के लिए काफी आश्चर्य व प्रकृति के विपरीत जाकर एक तरह का अजूबा बन गई है। अब इसी गांव की धरती पर एक और हैरान कर देने वाला नजारा देखने को मिल रहा है, जिसका वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया के सभी माध्यमों में छाए हुए हैं।
यहां चार पहिया वाहन बंद होने के बाद गुरूत्वाकर्षण के विपरीत ढलान से ऊंचाई की ओर काफी दूर तक चढ़ जा रहे हैं। लगभग 100 मीटर तक कार चढ़ाई की ओर चढ़ जाती है। इसकी ऊंचाई नीचे से ऊपर तक लगभग ५ फिट कही जा सकती है।
हाथ में चाबी और ऊपर चढ़ जा रही कार
आपने इससे पहले कभी नहीं सुना या देखा होगा कि एक कार न्यूट्रल होने के बाद विपरीत दिशा में चढ़ती हो, लेकिन बिसरपानी में ऐसा ही हो रहा है, यहां आप कार लेकर जाइए और उसे न्यूट्रल कर हाथ में चाबी रख लीजिए। इसके बाद कार ढलान की ओर जाने की बजाए पहाड़ की ओर बैक होने लगेगी। ऐसा एक या दो-दिन नहीं बल्कि हर दिन हो रहा है।
ब्रेक लगाकर रोकनी पड़ जाती है गाड़ी
प्रकृति के विपरीत हो रही इस क्रिया में ये भी एक आश्चर्यजनक बात है कि कार न्यूटल होने के बाद ऊंचाई की ओर धीरे-धीरे नहीं अच्छी-खासी गति में बैक होती है। अगर ऊपर पहाड़ पर चढऩे के दौरान कार को नहीं रोका गया तो ये अनियंत्रित होकर पलट जाएगी, इसलिए चालकों को पहाड़ पर चढऩे के बाद कार को ब्रेक लगाकर रोकना पड़ता है, अन्यथा ये नहीं रूकने वाली।
विशेषज्ञ का ये है कहना
यह विसंगति वाला क्षेत्र है। वहां ऊंचाई पर जरूर चुंबकीय गुरुत्व बल ज्यादा होगा, जिसकी वजह से क्रिया के विपरीत ऐसा हो रहा है। वैसे भी मैनपाट ज्वालामुखी का पठार है, जहां ज्वालामुखी से निकले कई ऐसे धातु हैं, जिनकी वजह से ऐसे दिलचस्प नजारे देखने को मिल रहे हैं। बिसरपानी में स्थित इस जगह के जियोलॉजिकल रिसर्च से कई और तथ्य सामने आ सकते हैं।
डॉ. अनिल सिन्हा, प्रोफेसर, भूगोल विभाग