scriptआईएनसी की गाइडलाइंस का नर्सिंग कॉलेजों में नहीं हो रहा पालन, फिर भी हर साल मिल जाती है मान्यता, स्वास्थ्य मंत्री ने ये कहा | CG Government: Guidelines of INC are not follow in nursing colleges | Patrika News

आईएनसी की गाइडलाइंस का नर्सिंग कॉलेजों में नहीं हो रहा पालन, फिर भी हर साल मिल जाती है मान्यता, स्वास्थ्य मंत्री ने ये कहा

locationअंबिकापुरPublished: Sep 26, 2019 03:51:03 pm

CG Government: बलरामपुर के अशरफी देवी इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग में तीन कमरे में पढ़ाया जा रहा नर्सिंग का पाठ, वाड्रफनगर के पुष्पेंद्र कॉलेज ऑफ नर्सिंग और अम्बिकापुर के मदर टेरेसा कॉलेज ऑफ नर्सिंग ने बदल दिया पता

आईएनसी की गाइडलाइंस का नर्सिंग कॉलेजों में नहीं हो रहा पालन, फिर भी हर साल मिल जाती है मान्यता, स्वास्थ्य मंत्री ने ये कहा

Nursing colleges

अंबिकापुर. सरगुजा संभाग में संचालित ज्यादातर नर्सिंग कॉलेजों में मनमानी अपने चरम पर है। ये आईएनसी (इंडियन नर्सिंग काउंसिल) की गाइडलाइन्स को भी फॉलो नहीं कर रहे हैं। बावजूद इसके इन्हें शासन से हर साल मान्यता दे दी जा रही है। इस विषय पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि यदि गड़बडिय़ां हैं तो जांच कराकर ऐसे सेंटरों पर कार्रवाई की जाएगी।

नर्सिंग इंस्टीट्यूट्स में गड़बड़ी की सूत्रों से जानकारी मिलने पर पत्रिका ने करीब आधे दर्जन नर्सिंग इंस्टीट्यूट्स में पड़ताल की। सूत्रों से मिली जानकारी की पड़ताल में पुष्टि भी हुई। बलरामपुर में अशरफी देवी इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग ३ कमरों में चल रहा है, जबकि इनके यहां बीएससी के लिए ही 4 कमरों की जरूरत है।
यहां जीएनएम की कक्षाएं भी लगती हैं, इसके लिए 3 कमरे अनिवार्य हैं। इसके बावजूद डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन एवं आयुष विश्वविद्यालय इस संस्था को विगत 3 सालों से मान्यता देता आ रहा है।

आईएनसी की गाइडलाइंस का नर्सिंग कॉलेजों में नहीं हो रहा पालन, फिर भी हर साल मिल जाती है मान्यता, स्वास्थ्य मंत्री ने ये कहा
पुष्पेंद्र कॉलेज ऑफ नर्सिंग और मदर टेरेसा कॉलेज ऑफ नर्सिंग को शासन ने जहां के लिए अधिमान्य किया है। ये दोनों ही संस्थाएं वहां संचालित नहीं हैं। दोनों ने अपना जिला और स्थान बदल लिया है। इसके लिए शासन से नियमानुसार अनुमति भी नहीं लिया गया है। सीतापुर स्थित लक्ष्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग भी शासन के नियमानुसार नहीं है।

फैकल्टी की हर सेंटर में कमी
नर्सिंग कॉलेज में प्रिंसिपल को 15 साल टीचिंग का अनुभव होना चाहिए। सरगुजा सम्भाग में संचालित किसी भी कॉलेज में इतने अनुभव का प्रिंसिपल नहीं है। नर्सिंग ट्यूटर्स की कमी भी इन कॉलेजों में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ज्यादातर कॉलेजों में इंस्पेक्शन के दौरान फर्जी तरीके से लोगों को खड़ा कर उन्हें स्टाफ बात दिया जाता है।
आईएनसी की गाइडलाइंस का नर्सिंग कॉलेजों में नहीं हो रहा पालन, फिर भी हर साल मिल जाती है मान्यता, स्वास्थ्य मंत्री ने ये कहा
महीनों नहीं चलती क्लासेस
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संभाग के कई कॉलेज ऐसे भी हैं, जो छात्र-छात्राओं को निर्धारित घंटों की पढ़ाई भी नहीं कराते हैं। इसकी बड़ी वजह सुविधाओं और शिक्षकों का नहीं होना है। खबर ये भी है कि इन सेंटरों में पढऩे वाले कई बच्चे क्लासेस अटेंड ही नहीं करते हैं। इनसे परीक्षा में शामिल होने के लिए अतिरिक्त शुल्क संस्था ले लेती है।

गड़बडिय़ां हैं तो कार्रवाई सुनिश्चित
संभाग ही नहीं यदि प्रदेश स्तर पर भी इस तरह की गड़बडिय़ां हैं तो नियमानुसार जांच कराई जाएगी। गड़बड़ी करने वाले सेंटरों पर निश्चित कार्रवाई की जाएगी।
टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन

ट्रेंडिंग वीडियो