कलक्टर ने राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के तहत ग्रामों में बनाये जा रहे गोठान, बाडी विकास तथा नालों में चेक डेम निर्माण के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 62 गोठानों का निर्माण कराया गया है। इनके संचालन की जिम्मेदारी स्व सहायता समूहों को दी गई है, जिससे उन्हें आजीविका का साधन उपलब्ध हो सके।
नाशपाती से लेकर टाऊ की खेती
कलक्टर ने बताया कि जिले में उद्यानिकी विभाग एवं कृषि अनुसंधान केन्द्र के सहयोग से लीची एवं नाशपाती की पैदावार होती है, वहीं मैनपाट क्षेत्र में टाऊ की खेती की जाती है। सुगंधित चावल जीराफूल एवं जवाफूल की खेती भी की जाती है। लघु वनोपज लाख, हर्रा, बहेड़, आंवला, इमली सहित तेंदुपत्ता का संग्रहण किया जाता है।
विश्व बैंक की टीम ने इन योजनाओं पर की चर्चा
वहीं विश्व बैंक की टीम द्वारा गोठानों में मवेशियों के लिए हरे चारे की व्यवस्था तथा नालों में चेक डेम निर्माण से सिंचाई रकबे में वृद्धि, टाऊ एवं लघु वनोपज प्रोसेसिंग, उद्यानिकी विकास, स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर संचालन सहित आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों हेतु संचालित योजनाओं में फंडिंग गैप के संबंध में चर्चा की गई।
ये रहे उपस्थित
बैठक में जिला पंचायत सीईओ कुलदीप शर्मा, डीएफओ अरविंद पीएम, विश्व बैंक के सीनियर पब्लिक सेक्टर स्पेशलिस्ट विक्रम मेनन, कन्सल्टेंट राघवेंद्र सिंह, सत्यव्रत मैती, अनस मोहम्मद, अपर कलेक्टर निर्मल तिग्गा, निगम आयुक्त हरेश मण्डावी, एसडीएम अजय त्रिपाठी सहित अन्य जिला अधिकारी उपस्थित थे।