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अंबिकापुर

CG Nutrition center: कुपोषित बच्चे आखिर कैसे होंगे तंदरूस्त? बारिश में टपक रही छत, पोषण पुनर्वास केन्द्र बंद

CG Nutrition center: महिला बाल विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार सरगुजा जिले में 11 हजार 175 बच्चे अभी भी कुपोषित श्रेणी में, 20 बिस्तरीय पोषण पुनर्वास केंद्र बंद होने से बढ़ी मुश्किल

अंबिकापुरAug 11, 2024 / 04:51 pm

rampravesh vishwakarma

CG nutrition center
अंबिकापुर. CG Nutrition center: कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए जिले में 2 पोषण पुनर्वास केन्द्र शासन द्वारा चलाए जा रहे हैं। इसमें मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंतर्गत संचालित 20 बेड का पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) पिछले एक सप्ताह से बंद है। बंद (CG nutrition center) होने का मुख्य कारण बारिश के दिनों में टपकती छत व सीपेज बताया जा रहा है। छत से टपकते पानी व सीपेज के कारण फॉल सीलिंग गीला हो गया है। वह कभी भी गिर सकता है। इस कारण पोषण पुनर्वास केन्द्र (Nutrition rehabilitation center) के बच्चों व माताओं को छुट्टी दे दी गई है। विभाग द्वारा इसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में सरगुजा में कुपोषण से लडऩा कितना सार्थक हो सकता है, आप समझ सकते हैं।
महिला बाल विकास विभाग के आंकड़े के अनुसार सरगुजा में 11 हजार 175 बच्चे अभी भी कुपोषित श्रेणी में हैं। पिछले कुछ दिनों से सरगुजा में भारी बारिश हो रही है। बारिश ने शासकीय भवनों के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी है। कई शासकीय भवनों के छत से पानी टपकने व सीपेज की समस्या आ रही है।
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वहीं सबसे ज्यादा समस्या मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हो रही है। भवन काफी पुराने होने के कारण जगह-जगह सीपेज व छत से पानी टपक रहा है। जबकि पुराने अस्पताल भवन में हर वर्ष मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। छत से पानी टपकने व सीपेज की समस्या से मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंतर्गत संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र (CG nutrition center) भी अछूता नहीं है।
पोषण पुनर्वास केन्द्र की छत से टपक रहे पानी व सीपेज के कारण फॉल सीलिंग गीला हो गया है। किसी तरह की अनहोनी न हो इस वजह से अस्पताल प्रबंधन द्वारा पोषण पुनर्वास केन्द्र को खाली करा दिया गया और बच्चे और उनकी माताओं को छुट्टी दे दी गई है।

बारिश से पूर्व मरम्मत की चिंता नहीं

बारिश ने जिले के कई शासकीय भवनों के निर्माण की भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी है। मरम्मत के नाम पर हर विभाग में लाखों रुपए खर्च किए जा रहे है, इसके बावजूद भी बारिश में छत से पानी टपकने व सीपेज की समस्या आने लगती है।
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जिम्मेदार इतने लापरवाह हैं कि बारिश से पूर्व मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर दी जाती है। इसके बाद बारिश में अस्पताल, स्कूल भवन सहित अन्य शासकीय भवनों में सीपेज व छत से पानी टपकने की समस्या शुरू हो जाती है।
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नहीं बनाई गई कोई वैकल्पिक व्यवस्था

महिला बाल विकास विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए जिले में 2 पोषण पुनर्वास केन्द्र चलाए जा रहे हैं। बारिश में आ रही समस्या के कारण मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंतर्गत संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र को पिछले एक सप्ताह से बंद करा दिया गया है।
इसके जगह पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बनाई गई है। जबकि महिला बाल विकास विभाग के आंकड़े के अनुसार सरगुजा में 11 हजार 175 बच्चे अभी भी कुपोषित की श्रेणी में हैं।

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पोषण पुनर्वास केन्द्र में वेटिंग की स्थिति

कुपोषित बच्चों को रखकर उन्हें पौष्टिक आहार व इलाज कराने के लिए जिले में दो स्थान पर व्यवस्था की गई है। जिला अस्पताल में 20 बेड व सीतापुर अस्पताल में 10 बेड का पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित है। वहीं कुपोषित बच्चों की संख्या ज्यादा होने के कारण उन्हें भर्ती होने के लिए इंतजार करना पड़ता है।
शासन द्वारा कुपोषित बच्चे व उसकी मां के रहने की व्यवस्था पोषण पुनर्वास केन्द्र में की जाती है। ऐसे में अचानक एक सेंटर बंद हो जाने से कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार कैसे मिल पाएगा।
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फॉल सीलिंग गीला होने की वजह से कराया बंद

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सीएस डॉ. जेके रेलवानी का कहना है कि बारिश में पोषण पुनर्वास केन्द्र का फॉल सीलिंग गीला हो गया है। उसके गिरने का डर बना हुआ है।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से केन्द्र को बंद कर दिया गया है और बच्चों को छुट्टी दे दी गई है। मरम्मत के बाद पुन: बच्चों को केन्द्र में रखा जाएगा। मरम्मत के लिए सीजीएमएससी को अवगत करा दिया गया है।
डॉ. जेके रेलवानी, सिविल सर्जन

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