सीडब्ल्यूसी द्वारा बालिका को अंबिकापुर के बालिका गृह में रखा गया था। मामा-मामी सोमवार को बालिका से मुलाकात करने की आस में बालिका गृह पहुंचे थे। यहां से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर देर शाम जेल भेज दिया।
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गौरतलब है कि 12 वर्षीय बालिका के सिर से बचपन में ही उसके माता-पिता का साया उठ गया था। इसके बाद उसके सगे मामा-मामी उसे धरमजयगढ़ से सीतापुर लेकर आ गए थे, यहां उसे काम कराने व अपने बच्चे का ध्यान रखने के नाम पर आए दिन प्रताडि़त किया जाता था।
इसकी जानकारी लगने के बाद चाइल्ड लाइन सीतापुर ने बालिका को उसके मामा-मामी के घर से बरामद कर सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया था। यहां उसने जो आप बीती बताई थी, उसके अनुसार एक दिन जब वह घर में अकेली थी तो उसकी मामी वहां पहुंची और उसे चार लड़कों के साथ जबरदस्ती भेज दिया।
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लड़कों ने उसे जंगल ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया। इससे वह 12 वर्ष की कम उम्र में गर्भवती भी हो गई थी। इसकी जानकारी लगने के बाद बालिका की नाना-नानी ने उसे गांव के ही एक डॉक्टर के पास ले जाकर गर्भपात करा दिया था।
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पत्रिका ने प्रकाशित की थी खबर
पत्रिका ने 19 अगस्त को बच्ची को न्याय दिलाने की उम्मीद से ‘बचपन में सिर से उठ गया था मां-बाप का साया, मामा-मामी ने चार दरिंदों से आबरू ही लुटवा दी’ नामक शीर्षक से समाचार का प्रकाशन किया था। इस पर सीडब्ल्यूसी ने मामले में कार्रवाई हेतु एसपी को भी पत्र लिखा था।
सोमवार को बालिका के मामा-मामी दर्रीपारा स्थित एमएसएसव्हीपी के बालिका गृह में बालिका से मिलने पहुंचे थे, इसकी जानकारी बालिका गृह द्वारा थाने में दी गई। पुलिस ने तत्काल वहां पहुंचकर मामा-मामी को गिरफ्तार करने के बाद जुर्म दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया।
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