इस संबंध में फेडरेशन के प्रान्तीय महामंत्री कमलेश सोनी एवं सरगुजा जिला अध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में 31 दिसंबर 2015 तक कर्मचारी संगठनों को राज्य शासन ने मान्यता दी थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन पहला कर्मचारी संगठन है, जिसे राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ शासकीय सेवक (सेवा संघ) नियम 1967 के नियम 4 के तहत मान्यता दी है।
उल्लेखनीय है कि अविभाजित मध्यप्रदेश में मध्यप्रदेश शिक्षक (Teacher) कांग्रेस एवं सन 2000 में मध्यप्रदेश के पुनर्गठन के बाद मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस के विभाजन से बतौर छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के नाम से छत्तीसगढ़ में अस्तित्व में आया था। इधर न्यायालयीन आदेश 27 अप्रैल 2011 को आधार मानकर तत्कालीन शासन ने छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक कांग्रेस की मान्यता समाप्त कर दी थी।
करना पड़ा लंबा संघर्ष
लंबे संघर्ष के बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के नाम से नए संगठन का पंजीयन 15 जनवरी 2013 को हुआ एवं कालांतर में छत्तीसगढ़ मेें प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी के नेतृत्व में अपनी अलग पहचान बनाने में सफल रहा।
अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) से प्रशासकीय स्वीकृति के बाद सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव मेरी खेम्स ने छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन को मान्यता का आदेश 11 जून 2019 को जारी किया है।
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