इन 40 दिनों में प्रदेश में पंडो समाज के करीब 20 लोगों की मौत हुई हैं। औसतन हर दूसरे दिन एक व्यक्ति की मौत यह साबित करता है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार इनके संरक्षण के लिए संवेदनशील नहीं है।
धरमलाल कौशिक ने कहा कि विशेष संरक्षित इस जनजाति के लोगों की कुपोषण व अन्य स्वास्थ्य कारणों से लगातार मौतें हो रही है लेकिन प्रदेश की सरकार पंडो जनजाति की संरक्षण, संवर्धन व बेहतर स्वास्थ्य के लिए कुछ भी नहीं कर रही है। इस कारण हालत लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक (Dharamlal Kaushik) ने कहा कि पंडो जनजाति के समुचित विकास की जिम्मेदारी प्रदेश की सरकार की है, लेकिन प्रदेश की सरकार अपने इन जवाबदारियों से लगातार बचती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पंडो समाज के समग्र विकास के लिए पंडो विकास अभिकरण भी बनाया गया है। इन सबके बाद भी पंडो समाज के लोगों की लगातार मौतें कई सवालों को जन्म देता है।
पंडो समाज की जरा भी चिंता नहीं
बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर ब्लॉक में पिछले 20 दिनों में 10 पंडो जनजाति सदस्यों की मौत का आंकड़ा सामने आया है। इन सबके बाद भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार पंडो समाज की जरा भी चिंता नहीं कर रही है।
इसके अलावा इस समाज के युवकों को रोजगार के लिए छत्तीसगढ़ छोड़ अन्य राज्यों में जाना पड़ रहा है और प्रदेश की सरकार कागजों में रोजगार बढ़ोतरी का दावा कर वाहवाही लूटने में लगी हुई है।
2 वक्त की रोटी के लिए गया था केरल, मौत
रामचंद्रपुर के ही ग्राम कुर्लुडीह के एक युवक संदीप पंडो को दो वक्त की रोटी के लिए केरल जाना पड़ता है और उसकी वहां अचानक मौत हो जाती है। इस घटना से युवक का परिवार पूरी तरह से विचलित है। इससे स्पष्ट होता है कि प्रदेश सरकार कहीं भी पंडो समाज के लोगों के उत्थान के लिए जरा भी चिंतित नहीं है।