उन्होंने पुलिस में मामले की शिकायत न करने की धमकी भी दी। धमकी से डरे-सहमे परिवार ने आरोपी के गांव तक ट्रक व 5 लाख रुपए पहुंचा दिए। इसके बाद दूधमुंहे बेटे को लौटाया। जब मासूम बेटे को लेकर वह घर आ गया तो उसने घटना की जानकारी पुलिस को दी।
मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज कर 3 आरोपियों को हिरासत में ले लिया है, मुख्य आरोपी फरार है। हिरासत में लिए गए 3 आरोपियों में एक शिक्षाकर्मी भी शामिल है।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के वाड्रफनगर के वार्ड क्रमांक-11 निवासी अरुण कुशवाहा व मुरकौल निवासी शिक्षाकर्मी प्रदीप सिंह पार्टनरशिप में ट्रक चलाते थे। दोनों के बीच कुछ अनबन होने पर ट्रक को अरुण ने अपने पास रख लिया। इसी रंजिशवश शुक्रवार की शाम लगभग 5 बजे प्रदीप सिंह अपने साथी गोंदला निवासी प्रेम गुरूजी, मुरकौल निवासी पंकज यादव व संटू सोनी के साथ अल्टो कार से अरुण के घर पहुंचा।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के वाड्रफनगर के वार्ड क्रमांक-11 निवासी अरुण कुशवाहा व मुरकौल निवासी शिक्षाकर्मी प्रदीप सिंह पार्टनरशिप में ट्रक चलाते थे। दोनों के बीच कुछ अनबन होने पर ट्रक को अरुण ने अपने पास रख लिया। इसी रंजिशवश शुक्रवार की शाम लगभग 5 बजे प्रदीप सिंह अपने साथी गोंदला निवासी प्रेम गुरूजी, मुरकौल निवासी पंकज यादव व संटू सोनी के साथ अल्टो कार से अरुण के घर पहुंचा।
वह अरुण के 4 माह के पुत्र को खिलाने के नाम पर बाहर लेकर आया फिर मौका पाकर उसका अपहरण कर कार से लेकर फरार हो गया। इससे घटना से अरुण के घर में हड़कंप मचा गया। इसी बीच आरोपी प्रदीप का कॉल अरुण के मोबाइल पर आया। उसने अरुण को धमकी देते हुए 5 लाख रुपए व ट्रक देने की मांग रखी।
उसने कहा कि अगर तुमने पुलिस को बताया तो बच्चे का गला दबा देंगे। डरा-सहमा अरुण आरोपी के गांव तक ट्रक व 5 लाख रुपए लेकर पहुंचा। उसने वाहन व रकम आरोपी को दी। फिर काफी मिन्नत करने के बाद आरोपी ने बच्चे को लौटाया। जब मासूम बेटा हाथ में आ गया तो उसके द्वारा घटना की पूरी जानकारी पुलिस को दी गई।
मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी प्रेम गुरूजी, संटू सोनी व पंकज यादव को हिरासत में ले लिया है। वहीं प्रदीप की तलाश जारी है। प्रेम गुरुजी भी शिक्षाकर्मी है।