उनकी हत्या की गई थी। इसके लिए जितना एक टीम का कप्तान दोषी होता है, उतना ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह दोषी हैं, बाकी जांच का विषय है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि सारकेगुडा में अद्र्धसैनिक बल द्वारा गांव के ही 17 लोगों को माओवादी बताकर हत्या कर दी थी। यह जांच रिपोर्ट में स्पष्ट है। शासन ने मामले में एफआईआर करने का निर्देश दिए हैं। जांच में डीआईजी जो जांच दल को लीड कर रहे थे।
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में किसी प्रकार की गोली चलने की बात नहीं कही है। उन्होंने रिपोर्ट में जो बताया है कि गांव के लोग खेतों में पूजा कर रहे थे और अद्धसैनिक बल व पुलिस कर्मियों ने वहां पर पहुंचकर पहले दिन 16 लोगों की हत्या कर दी। मरने वालों में 7 नाबालिग थे। जबकि एक ग्रामीण की हत्या (Murder) दूसरे दिन की गई है।
200 मीटर दूर से पैर में छर्रा कैसे लग सकता है
पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि रिपोर्ट में बताया गया है कि एक ग्रामीण जिसके पैर में गोली लगी है, हकीकत में उसके पैर में छर्रा लगा था, अब 200 मीटर दूर से पैर में छरा कैसे लग सकता है।
उन्होंने कहा कि एक टीम का कप्तान जितना दोषी होता है, उतना ही इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह दोषी है। यह जांच का विषय है। जांच में पूरी बात सामने आ जाएगी।
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