वहीं कर्मचारियों ने भी विभाग से उनके लिए आवास की व्यवस्था कराने के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ कराने की मांग की है। पार्षद ने कहा कि नये सर्किट हाउस भवन को बनाने की बजाय चठिरमा मोटल (Motel) को सर्किट हाउस भवन में बदल दें।
गौरतलब है कि सर्किट हाउस परिसर के पीछे ही नया सर्किट हाउस भवन का निर्माण किया जाना है। इसके लिए मंगलवार शाम को ठेकेदार के कर्मचारी जेसीबी के साथ पहुंचे तथा स्थल के आसपास मौजूद को हटाकर एक स्टोर रूम को भी ढहा दिया।
वहीं परिसर में रहने वाले पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों को भी आवास खाली करने के लिए कहकर चले गए। अचानक घर खाली करने की बात सुनकर कर्मचारी चौंक गए। कर्मचारियों के परिजनों ने इसकी जानकारी अपने वार्ड क्रमांक-15 देवीगंज वार्ड के पार्षद मनीष सिंह को दी।
इस पर मनीष सिंह बुधवार को अपने साथियों के साथ प्रस्तावित स्थल पर पहुंचे तथा कर्मचारियों से इस संबंध में पूछताछ शुरू की। इसी दौरान ठेकेदार व उसके कर्मी जेसीबी लेकर वहां पहुंच गए जिसपर सभी ने घरों को तोड़े जाने के प्रयास का विरोध (Protest) जताया।
पार्षद ने इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा करने तथा कर्मचारियों की समस्या का हल हुए बगैर किसी भी प्रकार की तोडफ़ोड़ न करने की बात ठेकेदार से कही। इसपर ठेकेदार ने भी मामला विवादित होने पर विवाद सुलझने पर ही आगे काम करने का आश्वासन दिया। इस दौरान पूर्व पार्षद मनोज कंसारी, पूर्व पार्षद प्रेमानंद तिग्गा, ओंकारेश्वर, राजा केशरी, सतीश मिश्रा, कार्तिक सिंह, प्रवीण पांडेय, दीपक मनवानी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
पहले वैकल्पिक व्यवस्था बनाएं
पार्षद मनीष सिंह ने बताया कि जहां नया भवन (New building) बनाने की तैयारी की जा रही है, वहां पर वर्ष 1997 से पीडब्ल्यूडी के 4 कर्मचारी परिवार सहित निवास करते हैं।
कर्मचारियों ने भी माना कि उन्हें अधिकारियों ने पूर्व में घर खाली करने के लिए मौखिक रूप से कहा था परन्तु बिना वैकल्पिक व्यवस्था किये वे कहां जाते इसलिए इस पर बात नहीं बन सकी। अब अचानक से यहां निर्माण के लिए कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। कर्मचारियों का कहना था कि पहले वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जाए।
मोटल को बना दें सर्किट हाउस
पार्षद ने कहा कि करीब पांच करोड़ की लागत के प्रस्तावित नये सर्किट हाउस भवन को बनाने की बजाय चठिरमा मोटल को सर्किट हाउस भवन में बदल दें।सरकार द्वारा बनवाए गए मोटलों की हालत खराब हो रही है, वहीं शासन भारी भरकम राशि खर्च करके नया भवन बनाने की तैयारी में है।
इससे अच्छा मोटल के रूप में बनाए गए उक्त भवन को ही सर्किट हाउस के रूप में विकसित कर दिया जाए। इससे वीआईपी के ठहरने से शहर में यातायात की परेशानियां भी नहीं होंगी और मोटल का भी सदुपयोग हो जाएगा।