स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले ही ‘स्वच्छ अंबिकापुर मिशन’ ने अपने शहर को पहुंचाया टॉप पर
Clean Ambikapur Mission: 2014 में हुई थी शहर को स्वच्छ बनाने पहली बैठक, 14 अप्रैल 2015 को मूर्त रूप ले चुका था पहला एसएलआरएम सेंटर, 10 लाख तक की आबादी वाले शहर में सबसे स्वच्छ

अंबिकापुर. स्वच्छता सर्वेक्षण (Cleanliness Survey) की सूची में अम्बिकापुर ने बीते 4 सालों से पहले पायदान पर पैर जमाए रखा है। इसका मूल मंत्र ‘स्वच्छ अम्बिकापुर मिशन’ (Clean Ambikapur Mission) है। इसकी नींव स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होने से तकरीबन 3 साल पहले रख दी गई थी। समय के साथ-साथ लोगों ने इसके तरीकों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया।
10 लाख तक की आबादी वाले साफ शहरों में पहला स्थान हासिल करने में अम्बिकापुर को करीब 6 साल लग गए। इसकी तैयारियां अक्टूबर 2014 में शुरू हो गई थीं।
तत्कालीन कलेक्टर ऋतु सैन ने स्वच्छ अम्बिकापुर मिशन (Clean Ambikapur Mission) का कॉन्सेप्ट तैयार किया था। इसकी पहली बैठक में शहर की सफाई, डंप कचरे के निपटान एवं शहर की अन्य अव्यवस्थाओं को दूर करने की दिशा में काम करने का खाका खींचा गया था। इस बैठक के ठीक बाद निगम सरकार बदल गई थी।
नई सरकार ने भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस मिशन को अमलीजामा पहनाने के लिए काम शुरू किया। 22 अगस्त 2015 तक शहर में 17 एसएलआरएम सेंटर खुल चुके थे।
डम्पिंग यार्ड को बनाया सैनेटरी पार्क
अम्बिकापुर का 18वां और अब तक शहर का अंतिम एसएलआरएम सेंटर मई 2016 में खुला था। यहां शहर समेत आसपास के गांवों का कचरा डंप किया जाता था। स्वच्छ अम्बिकापुर मिशन के तहत इसे सैनेटरी पार्क के रूप में विकसित किया गया। फिलहाल कुछ नए सेंटर बनाए जाने की भी योजना है।
15 लाख रुपए देती है शहर की जनता
शहर को स्वच्छ रखने के लिए शहर की जनता भी बढ़-चढक़र सहयोग कर रही है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन किसी दिन न हो तो इसकी सूचना निगम तक पहुंच जाती है। इसके लिए शहर के प्रत्येक घर से 50 रुपए लिए जाते हैं। ये राशि हर महीने करीब 15 लाख रुपए की होती है।
गूगल की मदद से पहुंच जाएंगे शौचालय
शहर में सफाई को ध्यान में रखते हुए 36 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराया गया था। ये सभी गूगल मैप पर देखे जा सकते हैं। इनकी खासियत यह है कि आप शहर के किसी भी स्थान पर खड़े हों, इनकी आपसे दूरी अधिकतम 1 किलोमीटर ही होगी।
फैक्ट फाइल
आबादी- 145200
क्षेत्रफल -36 स्क्वायर किलोमीटर
निकाय-48 वार्ड
रैंकिंग का आधार
1. डोर टू डोर कचरा संग्रहण एवं प्रोसेसिंग
2. सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालय
3. सिटीजन फीडबैक
4. वेस्ट वाटर मैनेजमेंट
5. डम्पिंग यार्ड रेमिडीएसन
6. यूजर चार्ज कलेक्शन
7. कचरे से आय
8. शहर सौंदर्यीकरण इत्यादि
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