मुख्यमंत्री के आगमन पर यहां के बच्चों ने गुलमोहर फूल का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। बच्चों ने मुख्यमंत्री के आगमन पर उनके लिए स्वागत गीत भी गाया। भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने मंगरैलगढ़ में कई बड़ी घोषणाएं भी कीं। इनमें मंगरैलगढ़ भौंराडांड मांड नदी तक सडक़ निर्माण, मंगरैलगढ़ मांड नदी पर एनीकट निर्माण, मंगरैलगढ़ प्राथमिक एवं मिडिल स्कूल के नए भवन का निर्माण, केरजू में पुलिस चौकी की स्थापना, सीतापुर में आडिटोरियम का निर्माण, मंगरैलगढ़ में 25 लाख रुपये के सामुदायिक भवन के निर्माण जैसी बड़ी घोषणाओं की।
इस दौरान मुख्यमंत्री को स्थानीय स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने खुद के बनाए हुए स्थानीय उत्पादों की टोकरी भेंट की और मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम में स्थानीय लोगों से बात करते हुए योजनाओं के बारे में पूछा और लोगों की समस्याओं से जुड़े प्रश्नों पर स्थानीय अधिकारियों को तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिए।
इसके बाद मुख्यमंत्री राजापुर व सरमना भी पहुंचे। यहां उन्होंने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में ग्रामीणों से चर्चा कर योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। सरमना गोठान से जुडक़र काम कर रही स्व.सहायता समूह की महिलाओं से भी मुख्यमंत्री बघेल रूबरू हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजापुर में ७५ लाख रुपए की लागत से बनने वाले नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कार्य का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे।
‘सरगुजा के गोठानों में हो रहा अच्छा काम’
मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस में अधिकारी एवं कर्मचारियों की बैठक लेकर कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देशित किया कि जल-जंगल के असली मालिक वहां के निवासी हंै, वन विभाग नहीं, विभाग का काम केवल रखवाली करना है। अधिकारी-कर्मचारी जनता का सेवक बनकर काम करें। जो होना चाहिए वही काम करें जो नहीं होना चाहिए वह न करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा ध्येय एक व्यक्ति को केंद्र में रखकर योजना का क्रियान्वयन करने का है ताकि योजना का लाभ लेने एक भी व्यक्ति न छूटे। उन्होंने कहा कि सरगुजा में गोठानों में अच्छा काम हो रहा है। महिलाएं मशरूम उत्पादन, मुर्गीपालन, बटेर पालन, गलीचा निर्माण का कार्य कर रहीं हैं। आय बढ़ाने के उपाय करने होंगे। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि आज भ्रमण का आखिरी दिन है और काम से फुर्सत मिल जाएगी ऐसा मत सोचें। भेंट-मुलाकात में जितने आवेदन आये हैं सभी का गुणवत्तापूर्ण निराकरण होना चाहिए। काम करेंगे तभी बोझ कम होगा। उन्होंने कहा कि बहुत से विभाग के अधिकारी बहुत अच्छा काम कर रहे है, अच्छा काम करने वाले अधिकारियों की संख्या अधिक है। लेकिन किसी एक के अच्छा काम नहीं करने का प्रभाव पूरे विभाग पर पड़ता है। इससे पूर्व अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने अधिकारी-कर्मचारियों की बैठक लेकर जरुरी निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि लोगों द्वारा दिए जा रहे आवेदनों की पावती देने की व्यवस्था हो ताकि लोगों को भरोसा हो की उनका काम हो जाएगा। लोगों के काम में प्रशासनिक दबाव न हो। उन्होंने कहा कि किसी अधिकारी-कर्मचरी को ससपेंड करने का इरादा नहीं होता। लेकिन ऐसी स्थिति निर्मित हो जाती है जिससे कार्यवाही करनी पड़ती है।
बर्तन मांजकर पढ़ाई कर रही छात्रा ने मांगी सहायता
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सरमना में भेंट मुलाकात के दौरान साइंस स्नातक की पढ़ाई कर रही निर्धन छात्रा सुश्री छाया मिश्रा ने सहायता की मांग की। उसने बताया कि वह बर्तन मांजकर पढ़ाई कर रही है। वह झोपड़ी में रहती है,जहां शौचालय भी नही है। मुख्यमंत्री बघेल ने छाया को योजनाओ से लाभान्वित करने के निर्देश कलक्टर को दिए। मुख्यमंत्री ने छाया की सराहना करते हुए कहा कि कोई काम छोटा नही होता। मेहनत से सफलता मिलती हैए खुशहाली आती है। अपने काम पर गर्व करना चाहिए और सम्मान से जीना चाहिए।