बादल छंटते ही सरगुजा में पडऩे लगी ठंड, उत्तरी हवाओं से दिन में भी कांपे लोग, 8.4 डिग्री पहुंचा तापमान
Cold in Surguja: मध्य भारत में उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पूर्व से आने वाली हवाओं (Winds) के कारण मौसम (Weather) का बदला मिजाज, 1 दिन में 5 डिग्री गिरा शहर का तापमान (Tempereture)

अंबिकापुर. बादल छंटते ही मौसम विभाग (Weather department) के पूर्व अनुमान के मुताबिक सरगुजा में ठंड बढऩे लगी है। मध्य भारत में उत्तर- पश्चिम और दक्षिण-पूर्व से आने वाली हवाओं के कारण मौसम परिवर्तित हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक आसमान में बादल छंटने के बाद पारा और गिरेगा।
अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। वहीं एक दिन पूर्व 13.5 डिग्री दर्ज किया गया था। न्यूनतम तापमान ने 5 डिग्री गिरावट आई है। इससे ठंड में बढा़ेतरी हुई है।
बीते कुछ दिनों से लगातार मौसम सर्द बना हुआ था। आसमान पर बादल (Clouds) डेरा डाले हुए थे। सुबह से लेकर शाम तक मौसम (Weather) में ठंडक थी और सूरज के दर्शन नहीं हो रहे है। अब मौसम खुलते ही न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। इससे रात में ठंडक तेज हो गई है। मौसम सर्द हो गया और ठंडी हवाएं चल रहीं हैं।
मौसम विज्ञानी एएम भट्ट ने बताया कि शुक्रवार को पूरे दिन उत्तरी हवाएं चलीं। इससे न्यूनतम तापमान में ५ डिग्री गिरावट दर्ज की गई है। अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान (Minimum tempereture) 8.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है।
वहीं अधिकतम तापमान 21.7 डिग्री पहुंच गया है। इस कारण पूरे दिन लोग ठंड से परेशान रहे। हवाओं से लोग कांप उठे। शहर में जगह-जगह लोग अलाव तापते नजर आए। ठंड बढऩे के कारण सड़क पर लोग स्वेटर, मफलर और गर्म कपड़े पहने नजर आए।
ठंड और बढऩे की संभावना
मौसम विज्ञानी एएम भट्ट ने बताया कि उत्तरी हवा चलने के कारण ठंड (Cold) बढ़ी है। इस कारण लगातार तापमान में गिरावट हो रही है। उत्तरी हवा का असर अभी दो-तीन दिनों तक रहेगा। इससे ठंड अभी और बढऩे की उम्मीद है। वहीं सुबह-सुबह हल्के कोहरे छाए रहेंगे वहीं मैदानी इलाके में घना कोहरा दिख सकता है।
सार्वजनिक स्थानों पर अब तक नहीं जले अलाव
सरगुजा में अब कड़ाके की ठंड पडऩे लगी है। हवा चलने से लोग दिन में भी ठंड का एहसास कर रहे हैं, लेकिन अब तक शहर में कहीं भी सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। ठंड की वजह से सबसे अधिक परेशानी बस स्टैंड सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को होती है, लेकिन अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है।
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