script98 करोड़ के रिंग रोड में अभी से उखडऩे लगी कांक्रीट की परत, जगह-जगह आईं दरारें | Concrete layer has now been lifted from the 98 crore's ring road | Patrika News

98 करोड़ के रिंग रोड में अभी से उखडऩे लगी कांक्रीट की परत, जगह-जगह आईं दरारें

locationअंबिकापुरPublished: Apr 09, 2018 04:38:22 pm

13 किलोमीटर के रिंग रोड का निर्माण अभी 1 किमी भी नहीं किया जा सका है पूरा, अभी से है ये हाल तो भविष्य में कितनी टिकेगी सड़क

Ring road

Ring road

अंबिकापुर. रिंग रोड़ की जर्जर स्थिति व लोगों के आक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कांक्रीट रोड़ निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी। इसके लिए 98 करोड़ रुपए भी पास हो चुके हैं लेकिन इस रोड का निर्माण जिस तरीके से किया जा रहा है, उससे कहीं से नहीं लग रहा है कि इस वर्ष इसका काम पूरा भी हो पाएगा।
इसके साथ ही निर्माण के दौरान जिस स्तर की निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, उससे सड़क बनने के साथ ही उखडऩी शुरू हो गई है, इसके साथ ही जगह-जगह दरारें पडऩे लगी हैं। इधर जब अधिकारी व जनप्रतिनिधि इस सड़क के निरीक्षण में पहुंचते हैं तो सब कुछ ठीक बताकर घटिया काम को छिपाया जाता है।
Crackes in road
रिंग रोड निर्माण की जिम्मेदारी जिस ठेका कम्पनी को दी गई है। उसके साथ हुए अनुबंध के अनुसार बारिश के मौसम सहित एक वर्ष के अंदर रिंग रोड का निर्माण कराकर दिया जाना है। इधरजिस धीमी गति से ठेकेदार द्वारा काम किया जा रहा है उससे कहीं से नहीं लगता है कि डेढ़ वर्ष के अंदर रिंग रोड का निर्माण पूर्ण करा लिया जाएगा और इसका लाभ शहर के लोगों को समय पर मिल सकेगा।
सड़क विकास निगम के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा आने वाले दिनों में शहर के लोगों को भुगतना पड़ सकता है। जब मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी तो सब को उम्मीद थी कि नए रिंग रोड निर्माण से लोगों को धूल व गड्ढों से राहत मिल जाएगी। लेकिन इसका फायदा शहर के लोगों को मिलने की उम्मीद कम ही दिख रही है। इसका लाभ चंद अधिकारियों व ठेका कम्पनी को मिलता दिख रहा है।

विभाग के अफसर ही सब कुछ सही बताने में हैं जुटे
शहर में न तो भूकंप आया और न ही कोई अन्य आपदा। लेकिन इसके बावजूद अब तक जो काम सड़क का कराया जा रहा है। उसमें जगह-जगह दरार पडऩे के साथ ही सड़क जगह-जगह से फटना शुरू हो गई है। लेकिन इसके बावजूद सड़क विकास निगम के अधिकारी निर्माण कार्य से पूरी तरह से संतुष्ट नजर आते हैं।

डाला जा रहा है सूखा मैटेरियल
अभी तक जो भी काम ठेका कम्पनी से सड़क विकास निगम के अधिकारियों द्वारा कराया गया है। उसमें जीएसबी/डब्ल्यूएमएम करने के दौरान सूखे मैटेरियल का उपयोग किया गया है। जबकि सड़क निर्माण का काम कराने वाले जानकार इंजीनियरों के अनुसार गीले मैटेरियल का उपयोग किया जाना चाहिए, ताकि नीचे लेयर पर सड़क की मजबूती से पकड़ हो सके।

24 घंटे करना पड़ेगा काम
एक वर्ष के अंतराल में काम को पूरा करने के लिए ठेका कम्पनी के कर्मचारियों को 24 घंटे काम करना होगा। इसके बावजूद समय पर काम पूरा नहीं किया जा सकता है। 24 घंटे भी काम किया जाएगा तभी रिंग रोड का निर्माण पूरा करने में एक वर्ष का समय लग जाएगा।

मानक अनुरूप नहीं हो रहा है जीएसबी व डब्ल्यूएमएम
सड़क के भविष्य को ध्यान में रखते हुए शासन ने सड़क की सही जीएसबी/डब्ल्यूएमएम करने के निर्देश रिंग रोड पर करने को कहा था। लेकिन ठेका कम्पनी द्वारा अभी तक जिस स्तर का जीएसबी/डब्ल्यूएमएम किया गया है, वह काफी निम्न स्तर का है। इससे नीचे के लेयर में भविष्य में पानी छनने की उम्मीद काफी कम है और आने वाले समय में सड़क का ऊपरी हिस्सा जल्द ही टूटने की उम्मीद जानकारों द्वारा जताई जा रही है।

नहीं है ठेका कम्पनी के पास इंजीनियर
जिस स्तर का रिंग रोड का निर्माण सरकार द्वारा कराया जाना था, उसके लिए ठेका कम्पनी के पास खुद के इंजीनियर होने जरूरी है, ताकि उनके द्वारा पूरे काम की मॉनीटरिंग की जा सके और गुणवत्ता के संबंध में जरूरी निर्देश जाएं, लेकिन ठेका कम्पनी के पास खुद के इंजीनियर नहीं है। सिर्फ अनुभव के आधार पर काम कराया जा रहा है।
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