पादप बोर्ड अध्यक्ष पाठक ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि अगर गांव वाले एक राय होकर खदान का विरोध करते हैं तो पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है। यहां के विधायक और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कई मंचों पर कहा है वे खुद ग्रामीणों के साथ खड़े रहेंगे, बस गांव के लोगों को एक राय होना पड़ेगा। वहीं जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने वीडियो कॉल से धरने पर बैठे ग्रामीणों से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि प्रशासन जिस कोल बेयरिंग एक्ट की बात कहता है उसके तहत जमीन का अधिग्रहण किया जा सकता है मगर वन अधिकार अधिनियम 2006 में यह स्पष्ट है कि वनों का संवर्धन, संरक्षण और उपयोगिता परिवर्तन ग्राम सभा की सहमति के बिना संभव नहीं है। जब तक ग्राम सभा नहीं चाहेगी, एक भी पेड़ नहीं कटेगा। हम सब गांव के लोगो के निर्णय के साथ खड़े हैं।
इस दौरान सिद्धार्थ सिंह, राजनाथ सिंह, कृपा शंकर गुप्ता, हेमंत सिन्हा, विनय शर्मा, मो. इस्लाम, दुर्गेश गुप्ता, सैय्यद अख्तर, शैलेंद्र प्रताप सिंह, आशीष वर्मा, ओम प्रकाश सिंह, नीरज मिश्रा, संध्या रवानी, मधु दीक्षित, अमित सिंहदेव, शैलेंद्र सोनी, प्रमोद चौधरी, सतीश बारी, हिमांशु जयसवाल, पप्पन सिन्हा,
शंकर प्रजापति, मग्गू, शकीला, माया मिश्रा, हमीदा बानो, मालती सिंह, शैलजा पांडेय, इंद्रजीत सिंह धंजल, जमील खान, चुन्ना, अमित सिंह, हसन खान, अशफाक कमर, रियाजुल, मिथुन, अविनाश, सरजू, बाबर, काजू, कलीम अंसारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।
पेड़, जमीन बचाने की जिद में जंगल में ही डेरा
उदयपुर के ग्राम बासेन, हरिहरपुर, साल्ही, घाटबर्रा सहित आधा दर्जन गांवों के सैकड़ों लोग पेड़ों को बचाने पिछले 5 दिनों से जंगल में डेरा जमाए हुए है। पारंपरिक तीर-कमान से लैस बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं ने अपने बच्चों को रिश्तेदारों के घर भेज दिया है।
खुद खुले आसमान के नीचे कड़ी धूप और यदा-कदा होने वाली बरसात के बावजूद डटे हुए हैं। जन सहयोग से जंगल में ही खाने-पीने का बंदोबस्त किया जा रहा है। ग्रामीणों के संघर्ष और उनकी मांग पर औषधीय पादप बोर्ड अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने तिरपाल और चावल के लिए दस हजार रुपए दिए।
दोबारा बुलाई गई ग्राम सभा में भी फर्जीवाड़ा
जिला पंचायत के प्रस्ताव पर ग्राम पंचायत घाटबर्रा में ग्रामसभा की बैठक 28 मई को रखी गई थी। ग्राम के सरपंच ने बताया कि ग्रामसभा में सभा अध्यक्ष के नाम पर सहमति न बन पाने के चलते बैठक को 4 जून के लिए टाल दिया गया। आज कुछ लोग बता रहे है कि 28 मई की सभा को प्रशासन की मंजूरी दे दी है। हालांकि इसकी आधिकारिक सूचना पंचायत को नहीं दी गई है।