कोरोना वायरस का भय और लॉकडाउन के बीच चार दिवसीय चैती छठ पूजा के चौथे दिन मंगलवार की सुबह व्रतियों ने अपने-अपने घरों में सादगी के साथ भगवान भास्कर को अघ्र्य देकर परिवार की समृद्धि की कामना की। (Chaitra Chhath)
इससे पूर्व व्रतियों ने घरों में प्रसाद बनाया, फिर आराध्य देव श्री सूर्यनारायण और छठी मइया को नमन कर पूजा का अनुष्ठान विधि-विधान से किया। सोमवार की शाम श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी और मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को दूसरा अघ्र्य घर में देकर मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगा।
श्रद्धालु परमानंद तिवारी ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से छठ महापर्व पर नदी नहीं जा सकते थे। इसकी वजह से घर में ही अस्थाई तालाब बनाया गया था, उसी में खड़े होकर सूर्य देव को अघ्र्य दिया गया।
घाटों पर नहीं घर में बनाया कुंड
कोरोना संक्रमण के कारण घोषित लॉकडाउन की वजह से इस बार घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं थी। छठ के पारंपरिक गीत दर्शन देहू न आपार छठी मैया, उगा हे सूरजदेव अरघ के बेरिया.. गीत गाते महिला व्रतियों ने घरों में खरना और अघ्र्य के प्रसाद तैयार किया।
रविवार की शाम व्रतियों ने पूरी भक्ति के साथ भगवान भास्कर को गुड़, दूध की खीर, घी में बनी रोटी का भोग लगाया और खुद भी परिजनों के साथ प्रसाद ग्रहण किया।