इस व्यवस्था के तहत कोरोना से पीडि़त मरीज अगर निजी अस्पताल में इलाज कराता है तो उसे आयुष्मान कार्ड का लाभ मिलेगा। इसके बावजूद शहर के एक निजी अस्पताल (Private hospital) ने इसकी अवहेलना करते हुए कोरोना पीडि़त बुजुर्ग मरीज को अस्पताल से भगा दिया।
परिजन उसे
मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical college hospital Ambikapur) के कोविड अस्पताल में ले गए लेकिन यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मामले में मृतक के पुत्र ने आरोप लगाया है कि निजी अस्पताल संचालक द्वारा इलाज के दौरान ही 1 लाख रुपए का बिल बनाया गया था।
किसी तरह व्यवस्था कर 51 हजार रुपए नगद जमा किया, जब पिता की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो 56 हजार रुपए आयुष्मान कार्ड से भी काट लिया गया और बिना इलाज किए ही अस्पताल से निकाल दिया गया।
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सूरजपुर जिले के भैयाथान निवासी 55 वर्षीय गोपाल साहू की तबियत खराब होने पर सूरजपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चार दिन पूर्व तबियत में सुधार नहीं होने पर अंबिकापुर रेफर कर दिया गया था। इसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे।
यहां अस्पताल संचालक द्वारा 60 से 70 हजार रुपए इलाज में खर्च बताया गया था। दो दिन बीतने के बाद 60 हजार रुपए का बिल बताया गया। रुपए नहीं होने के कारण परिजन बिल का भुगतान नहीं कर पाए। फिर दूसरे दिन अस्पताल ने 1 लाख रुपए का बिल थमा दिया।
मृतक के पुत्र दशरथ ने आरोप लगाया है कि आरटी-पीसीआर रिपोर्ट (RT-PCR report) नहीं आने के कारण आयुष्मान कार्ड
(Ayushman card) शुरू नहीं किया गया था। जब रिपोर्ट आई तो आयुष्मान कार्ड से 56 हजार रुपए काट लिया गए जबकि मैंने नकद 51 हजार रुपए जमा किया।
अस्पताल प्रबंधन द्वारा इलाज पूर्ण होने से पूर्व ही गुरुवार की शाम को मेरे पिताजी को अस्पताल से निकाल दिया गया और मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया गया। इसके बाद वह पिता को मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित कोविड सेंटर में भर्ती करवाया। यहां इलाज के दौरान रात 9 बजे उनकी मौत हो गई।
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आयुष्मान से निजी अस्पताल का है अनुबंधकोरोना संक्रमण
(Covid-19) के बढ़ते प्रकोप के कारण लोगों की राहत पहुंचाने के उद्देश्य से शासन-प्रशासन ने निजी अस्पतालों में भी कोरोना मरीजों को इलाज की सुविधा दी है।
शासन द्वारा अनुबंध किया गया है कि अगर कोई भी कोरोना पीडि़त मरीज निजी अस्पताल में इलाज कराता है तो उसे आयुष्मान कार्ड से भुगतान किया जाना है ताकि मरीज के परिजन आर्थिक बोझ से न दब सकें। इसके बावजूद कोरोना पीडि़त मरीज को अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल से बिना इलाज के ही अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया।
जांच कर करेंगे कार्रवाई
अगर निजी अस्पताल (Private hospital) द्वारा कोरोना पीडि़त मरीज का आयुष्मान कार्ड (Ayushman card) से इलाज नहीं किया गया है और रुपए लेने के बावजूद अस्पताल से बिना इलाज किए निकाल दिया गया है तो ऐसे में निजी अस्पताल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह शासन द्वारा अनुबंध किया गया है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
पीएस सिसोदिया, सीएमएचओ