इसी काम में प्रतापपुर पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास में कमरों में दीवार प्लास्टर, फर्श मरम्मत और खिडक़ी दरवाजे की मरम्मत का कार्य कराया जाना है लेकिन विभाग द्वारा जहां कार्य कराना है, वहां ना कराके प्री मैट्रिक बालक छात्रावास प्रतापपुर में छत रिपेयरिंग कराई जा रही है।
इसमें सिर्फ छत की पुराने सीट बदल कर नया सीट लगाया जा रहा है और उसी बदले गये सीट में बचे हुए पुराना बत्ता, कंडी और बांस का इस्तेमाल ठेकेदारद्वारा किया जा रहा है।
सहायक आयुक्त कार्यालय द्वारा मार्च 2020 में सूरजपुर जिले के विभिन्न आश्रम और छात्रावासों के मरम्मत कार्यों के लिए 23 निविदा फार्म निकाले थे किंतु कोरोना काल के कारण उसे निरस्त कर इसे पुन:जून 2020 में 15 कार्यों की निविदा निकली गई, बाकी जो पहले कार्य निकाले थे।
इसमें इतना अंतर क्यों, कहीं विभाग गुपचुप तरीके से काम को बिना निविदा निकाले बेच तो नहीं देता है। साथ ही विभाग द्वारा कोटेशन लगा कर भी इसका भुगतान किया जाता है। विभाग भी यह स्पष्ट नहीं करता कि इनके द्वारा कितनी राशि का कोटेशन से कार्य करवाने का अधिकार है।
सहायक आयुक्त कार्यालय के सारे काम दूसरे विभाग आरईएस के इंजीनियर देखते हैं। बताया जा रहा है कि उक्त इंजीनियर ठेकेदारी भी करता है व उसने दो साल में करोड़ों के कार्य भी किए हैं।
काम की गुणवत्ता के आधार पर होगा भुगतान
टेंडर पोस्ट मैट्रिक छात्रावास प्रतापपुर के नाम से तो निकाला गया है पर वहां इस कार्य की जरूरत नही होने के कारण उसे प्री मैट्रिक बालक छात्रावास में किया जा रहा है। काम की गुणवत्ता के अनुसार ही ठेकेदार को भुगतान किया जाएगा।
वी रेड्डी, सहायक आयुक्त, सूरजपुर
मुझे ज्यादा जानकारी नहीं
यह कार्य विभाग द्वारा किया जाता है। अभी छात्रावास के छत के सीट बदली जा रही है और कंडी और बत्ता पुराना ही लगाया जा रहा है। बाकी मुझे काम के बारे में ज्यादा जानकारी नही है।
भरत पैंकरा, अधीक्षक, छात्रावास