विशेष न्यायाधीश बीपी वर्मा के न्यायालय में अधिवक्ता संगीता सोनी द्वारा 156(3) के तहत परिवाद पेश करते हुए निक्षेपकों के हित को संरक्षित करने की बात कही गई थी। मामले में सीआरपीसी की धारा 156 (3) व धारा 10 छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 सहपठित धारा 3, 4 व 6 के तहत परिवाद पत्र पेश किया गया था।
कंपनी कभी बंद नहीं होगी का दिलाया था भरोसा
कंपनी का छलपूर्वक प्रचार-प्रसार कंपनी के डायरेक्टर व कोर समिति सदस्य व अन्य स्टार प्रचारकों द्वारा कर यह विश्वास दिलाया गया कि उनकी कंपनी सही है, कभी भी बंद नहीं हो सकती है। कंपनी में निवेश करने पर लाभ होगा।
कलक्टर, एसपी व टीआई से की थी शिकायत
मामले की शिकायत ज्ञानदास द्वारा कलक्टर, एसपी व लुण्ड्रा टीआई से की थी लेकिन शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे क्षुब्ध होकर विशेष न्यायालय में परिवाद पेश किया गया है। अधिवक्ता ने बताया कि इस प्रकार कुल १९० परिवाद पेश किया गया है।
पूर्व राजनांदगांव सांसद, विधायक व महापौर हैं पक्षकार
मामले में जिन्हें पक्षकार बनाया गया है। उसमें राजनांदगांव के पूर्व सासंद अभिषेक सिंह, पूर्व महापौर नरेश डाकलिया व मधुसूदन यादव के खिलाफ भी परिवाद पेश किया गया है। इस संबंध में अधिवक्ता संगीता सोनी ने बताया कि ये सभी बोर्ड डायरेक्टर के साथ कंपनी के संचालक मंडल मे शामिल हैं। इसके साथ ही कंपनी के स्टार प्रचारक थे। इनके कहने पर ही विश्वास कर कंपनी में निवेश किया गया था।