प्रदेश सरकार (Chhattisgarh Government) की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना से महिलाएं आत्मनिर्भर हो रहीं हैं। एक तरफ जिले भर के गोठानों में गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojna) के तहत गोबर खरीदी के बाद जहां इससे वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर बिक्री की जा रही है। वहीं नवाचार के तहत अब गोबर से कई अन्य उपयोगी सामग्रियां भी तैयार की जा रही है।
खाना बनाने से लेकर अंतिम संस्कार तक में उपयोग
कम लागत से बनने वाली गोबर (Cow dung) की लकड़ी और र्इंट की डिमांड काफी बढ़ गई है। सर्दी के इस मौसम में इसका उपयोग अलाव जलाने के लिए किया जायेगा।
गोबर की लकड़ी से पर्यावरण को फायदा
मात्र 6 रुपए किलो में बिकने वाली गोबर की लकड़ी व ईंट के फायदे अनेक हंै। एक तरफ पर्यावरण को फायदा तो पहुंचेगा ही साथ ही जलावन लकड़ी की अवैध कटाई पर भी काफी हद तक रोक लगेगी। यही नहीं, समूह की महिलाएं गोबर की लकड़ी व ईंट का निर्माण कर आत्मनिर्भर बनेंगी और आम लोगों को भी इसका फायदा मिलेगा।