अंबिकापुर नगर निगम द्वारा शहर के घुटरापारा स्थित गोठान में गोबर से लकड़ी बनाने प्लांट तैयार किया गया है। समूह की महिलाएं मशीन के माध्यम से गोबर व लकड़ी का बुरादा मिक्स कर ईंट के आकार की मोटी लकड़ी तैयार करती हैं। उक्त लकड़ी का उपयोग ठंडी में अलाव जलाने से लेकर श्मशान घाटों में भी किया जा रहा है।
ठंड के दिनों में बढ़ जाती है खपत
तीन से चार महीने बारिश के दिनों में गोबर से लकड़ी बनाने का काम नहीं हो पाता है। इस वर्ष ठंडी का मौसम शुरू होते ही इसका निर्माण शुरु करा दिया गया है। ठंडी में इसकी खपत और ज्यादा बढ़ जाती है। नगर निगम में जगह-जगह अलाव जलाने से लेकर लोग अपने घरों में भी खरीद कर भी ले जाते हैं।
8 रुपए प्रति किलो बेची जाती है लकड़ी
गोदान नया योजना के तहत शासन द्वारा 2 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदी की शुरुआत की गई है। इस गोबर से अंबिकापुर नगर निगम द्वारा इसका नवाचार कर मशीन से लकड़ी बनाने का कार्य किया जा रहा है, जो काफी सार्थक साबित हो रहा है।
1 साल में ढाई लाख की हुई कमाई
अंबिकापुर नगर निगम द्वारा 1 साल से गोबर से लकड़ी का निर्माण समूह की महिलाओं द्वारा कराया जा रहा है। समूह की महिलाओं द्वारा प्रतिदिन 6 से 7 क्विंटल गोबर से लकड़ी तैयार की जाती है। इसका सबसे अधिक उपयोग अंबिकापुर सहित आसपास के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए किया जा रहा है।