इधर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने जूनियर इंजीनियर (Junior Engineer) की पुलिस हिरासत में मौत मामले में प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा है कि आदिवासी समाज (Tribal society) के लोगो को पुलिस द्वारा प्रताडि़त किया जा रहा है। क्षेत्र में पंकज बेक के बाद यह दूसरी हिरासत में मौत का मामला है।
अनुराग सिंहदेव ने पुलिस की जांच प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि मृतक का पोस्टमार्टम (Postmortem) न्यायिक निगरानी में चिकित्सकों की टीम द्वारा वीडियो ग्राफी के साथ किया जाना था। वहीं इसकी तत्काल सूचना पुलिस अधीक्षक के माध्यम से जिला एवं सत्र न्यायाधीश को भेजी जानी थी।
न्यायालय द्वारा नियुक्त जज के समक्ष पोस्टमार्टम किया जाना था किंतु ऐसा नहीं किया गया। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पुलिस एवं प्रशासन द्वारा स्वयं निपटाई गई जो कि विधिसम्मत नहीं है। पुलिस द्वारा भी बाद में न्यायालय को सूचना भेजी गई जिससे संदेह पैदा होता है।
उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस जानकारी दे कि पोस्टमार्टम के दौरान वहां पर सुरजपुर जिले के कौन से प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
सरकारी हत्या दिया करार
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने गृह विभाग एवं सरकार के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कस्टोडियल मौतों (Custodial death) को सरकारी हत्या करार दिया एवं इसकी भत्र्सना की। साथ ही पीडि़त परिवार की मांग के अनुसार जांच की प्रक्रिया को पारदर्शी करने की मांग की है। उन्होंने पीडि़त परिवार को तत्काल अनुकंपा नियुक्ति के साथ मुआवजा दिये जाने की भी मांग की है।
ये पुलिसकर्मी किए गए लाइन अटैच
एसपी राजेश कुकरेजा ने मामले की निष्पक्ष जांच हेतु लटोरी चौकी प्रभारी सहित 10 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया है। लाइन अटैच (Line attach) हुए पुलिसकर्मियों में चौकी प्रभारी एएसआई सुनील सिंह, प्रधान आरक्षक गुड्डू कुशवाहा, मनोज पोर्ते, आरक्षक सुनील एक्का, शोभनाथ कुशवाहा, विकास मिश्रा,
देवदत्त दुबे, चंदरसाय राजवाड़े, योगेंद्र भगत, मनेश्वर सिंह व राजू एक्का शामिल हैं। वहीं लटोरी का नया चौकी प्रभारी सुमंत पांडे को बनाया गया है। इसके अलावा वहां प्रधान आरक्षक रविंद्र भारती व अन्य पुलिसकर्मियों को पदस्थ किया गया है।