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हिरासत से भागकर आत्महत्या मामला : जेल में मृतक के साथी से मिले पूर्व गृहमंत्री-सांसद, उसने टीम को लिखित में बताईं ये बातें

locationअंबिकापुरPublished: Jul 26, 2019 09:20:33 pm

Custodial suicide: भाजपा की जांच टीम ने लिया लिखित बयान, पूर्व गृहमंत्री बोले- आत्महत्या नहीं हत्या (Not suicide but murder) का है मामला, टीम नेता प्रतिपक्ष को सौंपेगी रिपोर्ट

BJP team

BJP investigation team

अंबिकापुर. पुलिस कस्टडी से भागकर निजी अस्पताल में फंासी लगाकर आत्महत्या किए जाने के मामले में हर दिन गंभीर सवाल सामने आ रहे हैं। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक द्वारा गठित 3 सदस्यीय टीम ने गुरुवार को जहां मृतक पंकज बेक के परिजन से मुलाकात कर तथ्यों की जांच की। वहीं शुक्रवार को भाजपा की जांच टीम ने केंद्रीय जेल में बंद दूसरे आरोपी से मुलाकात की।
इस दौरान आरोपी इमरान ने टीम के सदस्यों से कहा कि रात 11 बजे तक साइबर सेल के कमरे में पुलिस की पिटाई से पंकज के चीखने-चिल्लाने की आवाज आ रही थी। इमरान के अनुसार पुलिस ने पंकज को बेदम पीटा (Beaten)। वहीं इमरान के अनुसार रात 12 बजे तक साइबर सेल में चोरी के शिकायतकर्ता तनवीर व दानिश भी उपस्थित थे।
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गौरतलब है कि चोरी के संदेही सलका-अधिना निवासी पंकज बेक ने 22 जुलाई की देर रात पुलिस हिरासत से भागकर एक निजी अस्पताल के परिसर में फांसी (Suicide to hang) लगाकर जान दे दी थी। मृतक के परिजन ने इस पूरे मामले पर कई गम्भीर आरोप लगाए थे। इस मामले को लेकर विधानसभा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैंकरा की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन कर जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट देने को कहा है।
कमेटी गुरुवार से एक्शन में आ गई है। गुरुवार को जांच कमेटी के सदस्यों ने मृतक पंकज बेक के परिजन से उसके घर जाकर मुलाकात की। मृतक के परिजन ने पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा को बताया कि पंचनामा उनके सामने पुलिस ने तैयार नहीं किया, जबकि शव को नीचे उतारने के बाद घटनास्थल जो बताया गया, वहीं पंचनामा तैयार किए जाने की जानकारी दी गई। इसके बावजूद बिना कोई चोट के निशान दिखाए सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिए गए।
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शुक्रवार को मामले की जांच हेतु कमेटी के सदस्य केंद्रीय जेल अंबिकापुर पहुंचे थे, जहां टीम के सदस्यों ने जेल में बंद दूसरे संदेही इमरान से मुलाकात कर चर्चा की। इमरान ने जो भी बताया उसे बयान के रूप में उसके द्वारा ही दर्ज कराया।
जेल से बाहर निकलने के बाद पूरे मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली को संदेहास्पद मानते हुए रामसेवक पैकरा ने कहा कि मृतक पंकज बेक ने आत्महत्या नहीं की है उसकी हत्या हुई है। जांच के बाद पूरी रिपोर्ट नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कोशिक को सौंपने के साथ ही शासन को भी दी जाएगी।
पैंकरा ने बताया कि प्रदेश सरकार के सिर्फ 6 माह के कार्यकाल में 7 लोगों की पुलिस कस्टडी में मौत (Custodial death) हो चुकी है। सरगुजा संभाग में अब तक दो मौतें हुई हैं लेकिन प्रदेश सरकार सभी मामले को लेकर मौन धारण किए हुए है। इस दौरान उनके साथ टीम के सदस्य पूर्व सांसद कमलभान सिंह, अनिल सिंह मेजर व पूर्व महापौर प्रबोध मिंज उपस्थित थे।
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15 दिन बाद बताई चोरी की जानकारी
जांच कमेटी के सामने इमरान ने बताया कि 27 जून को तनवीर सिंह के घर कुंडला सिटी में इंटरनेट का काम करने वह और पंकज गए थे। बौरीपारा स्थित मैरिज घर से कुंडला सिटी तक इंटरनेट कनेक्शन लगाना था, दोपहर 3 बजे से 7 बजे तक इंटरनेट कनेक्शन का काम किए।
फिर 9 जुलाई को सुशांत वर्मा को तनवीर सिंह ने फोन करके बताया कि 13 लाख रुपए घर से चोरी हुई है। 10 जुलाई को दानिश और तनवीर दुकान आये और दानिश रफीक ने पंकज से मारपीट की, फिर पुलिस पहुंची और हम दोनों को अंबिकापुर थाने ले गई, दिन भर पूछताछ के बाद रात 11 बजे छोड़ दिया।
Pankaj Bek
21 जुलाई से शुरु हुई थी पिटाई
इमरान ने जांच कमेटी के सदस्यों को बताया कि 21 जुलाई को मुझे और पंकज को अपने परिवार वालों का बैंक खाता नम्बर और दस्तावेज लेकर साइबर सेल कार्यालय सुबह 11 बजे बुलाया गया था। दोपहर 1 बजे पुलिस अधिकारियों व तीन-चार आरक्षक दोनों के साथ लगातार मारपीट करते रहे और चोरी का आरोप कबूल करने बोलते रहे।
इस बीच लगभग 1 बजे दोपहर सुशांत वर्मा को भी वहां बुलाया और उसके सामने भी मुझसे मारपीट की। इमरान ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने मेरा व पंकज का पैर बांध दिया, फिर जमकर पिटाई की।

अलग-अलग कमरे में रखकर पीटा
इमरान ने बताया कि दोनों को अलग-अलग कमरे में रखकर पुलिस ने पिटाई की। रात लगभग ११ बजे तक साइबर सेल से पंकज की चीखने की आवाज सुनाई दे रही थी। ११ बजे के बाद अचानक उसकी आवाज शांत हो गई। ५ मिनट बाद एसआई प्रियेश जॉन मेरे कमरे में आए और कहा कि लगता है पंकज भाग गया है।
Custodial death
मारपीट होने तक बैठा था शिकायतकर्ता, कम्पाउडर से कराई पट्टी
इमरान ने जांच कमेटी को बताया कि जब तक पंकज की पिटाई चलती रही, साइबर सेल में तनवीर बैठा रहा। वह देर रात 12 बजे तक वहीं मौजूद था। रात लगभग 1 बजे मुझे अंडरवियर में ही पुलिस गाड़ी से पंकज का घर दिखाने गांधीनगर ले जाया गया। रात लगभग 3-4 बजे कोतवाली टीआई के कमरे में बुलाया गया, जहां पहले से ही सुशांत वर्मा बैठा हुआ था।
उसके सामने चोरी की बात करते हुए पुलिसकर्मियों ने मेरी व सुशांत की पट्टे से पिटाई की। पुलिस के डर से मैंने चोरी की बात कबूली और पैसा देने को कहा। फिर मुझे लॉकअप में ले गए, सुशांत वर्मा को भी बगल के कमरे में रखा।
रात 3 बजे तेज मेडिकल से कम्पाउडर लाकर पैर के अंगूठे में पट्टी कराई व शाम 4 बजे तक मुझे लॉकअप में रखा गया। इसके बाद शासकीय अस्पताल ले जाया गया, जहां ड्यूटी डॉक्टर ने मुझे केवल देखा, कोई इलाज नहीं किया। इमरान ने कहा कि हमने चोरी नहीं की है।
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