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शर्मनाक ! मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 11 घंटे तक स्ट्रेचर पर पड़ा रहा शव, रातभर बैठकर बिलखती रही पत्नी

locationअंबिकापुरPublished: Jul 29, 2018 02:00:51 pm

पत्रिका की टीम की पहल पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन आया हरकत में, इसके बाद वाहन उपलब्ध कराकर शव भेजा गया गृहग्राम

Dead body of husband

Dead body

अंबिकापुर. जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की हाल काफी खराब है। यहां कभी घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस समय पर नहीं मिलती है तो कभी अस्पताल में मौत हो जाने पर शव को घर तक पहुंचाने के लिए वाहन समय पर नहीं मिल पाता है। ऐसा ही एक मामला शनिवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सामने आया।
तीन दिन से भर्ती लकवा ग्रस्त वृद्ध की मौत शुक्रवार की रात 1.30 बजे हो गई। इसके बाद से उसका शव स्ट्रेचर पर मेडिकल वार्ड के बाहर लगभग 11 घंटे तक पड़ा रहा। शव के पास बैठकर उसकी पत्नी सिसक रही थी। इस बीच पत्रिका की पहल पर अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया और तत्काल वाहन उपलब्ध कराकर परिजन के साथ मृतक का शव गृह ग्राम के लिए भेजा गया।

जशपुर जिले के बगीचा थाना क्षेत्र के ग्राम भिटघरा निवासी 55 वर्षीय मेघनाथ नागवंशी लकवा से पीडि़त था। उसकी पत्नी व बेटे ने उसे इलाज के लिए शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां उसका इलाज मेडिकल वार्ड में चल रहा था। इलाज के दौरान शुक्रवार की रात 1.30 बजे उसकी मौत हो गई।
इसके बाद अस्पताल के वार्ड ब्वॉय की मदद से शव को स्टे्रचर पर लाद कर वार्ड के बाहर कर दिया गया। फिर रात भर शव के पास उसकी पत्नी व बेटा बैठे रहा। शनिवार की सुबह 8 बजे अस्पताल की नर्स ने शव वाहन 1099 को फोन किया।
इस दौरान शव वाहन के चालक ने बताया कि अभी में शव लेकर बगीचा आया हूं। वहीं दूसरा शव वाहन लखनपुर में होना बताया गया। इसके बाद शव को गृहग्राम भेजने की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली। शनिवार की दोपहर 12 बजे तक शव वार्ड के बाहर ही पड़ा रहा।

12 बजे के बाद की गई वैकल्पिक व्यवस्था
इस मामले की जानकारी मिलने पर पत्रिका की टीम वहां पहुंची। शव के पास बिलख रही महिला नेे पूछने पर बताया उसके पति की मौत रात लगभग 1.30 बजे हुई है और अभी तक शव ले जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। फिर इसकी जानकारी पत्रिका द्वारा अस्पताल प्रबंधन को दी गई।
सूचना पर अस्पताल प्रबंधन तत्काल हरकत में आया और वाहन उपलब्ध करा कर परिजन के साथ मृतक का शव उसके गृह ग्राम भेजा गया। इससे पूर्व मृतक के बेटे ने कहा था कि मेरे पास रुपए नहीं है। अगर किसी तरह मेरे पिता का शव घर तक पहुंचवा देते हैं तो मैं गांव में व्यवस्था कर कुछ रुपए भी दे दूंगा।

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