बुधवार की सुबह एक 61 वर्षीय महिला का कोरोना रिपोर्ट आने से पहले ही उसकी मौत (Death from corona) हो गई। उसे 13 सितंबर को सांस लेने में तकलीफ होने पर इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। चिकित्सक उसे कोरोना संदिग्ध मानते हुए आइसोलेशन सेंटर में रख कर इलाज कर रहे थे।
सरगुजा में कोरोना मरीजों का आंकड़ा हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। पिछले सप्ताह तक प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या जहां 25 से 30 सामने आ रही थी वहीं कुछ दिनों से यह आंकड़ा 50 से ज्यादा का हो गया है, यह सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है।
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि लोगों की लापरवाही व जांच की संख्या बढऩे के कारण संक्रमितों के आंकड़े में वृद्धि हुई है। वहीं मौत का भी आंकड़ा अब दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रही है। मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल में ६१ वर्षीय एक और महिला की मौत बुधवार की सुबह हो गई। इससे मौत की कुल संख्या 11 हो गई है।
सीतापुर निवासी महिला को १३ सितंबर को सांस लेने में परेशानी होने पर उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने उसे कोरोना संदिग्ध मानते हुए इलाज के लिए आईसोलेशन वार्ड में रखे थे। इस दौरान एंटीजन से उसकी जांच की गई जो रिपोर्ट निगेटिव आई।
इसके बाद 14 सितंबर को ट्रू-नॉट से पुल जांच कराई गई, जिसकी रिपार्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद महिला का आरटीपीसीआर जांच कराया गया। रिपोर्ट आने से पहले ही महिला की मौत (Death from corona) बुधवार की सुबह 5 बजे हो गई। जबकि रिपोर्ट आठ बजे पॉजिटिव आई।
परिजन ने दूर से ही किया अंतिम दर्शन
परिजन ने दूर से ही अस्पताल में मृतका का दर्शन किया। इसके बाद शव को पूरे प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षित कर परिजन को सौंप दिया गया। शव का अंतिम संस्कार जिला प्रशासन की निगरानी में और परिजन की उपस्थिति में कराया गया।
कोरोना जांच के लिए लंबा इंतजार
कोरोना जांच के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। जांच कराने पहुंचे लोगों का कहना है कि चिकित्सक सैंपल लेने के लिए 12 बजे पहुंचते हैं। इस दौरान उन्हें पीपीटीई किट पहन कर तैयार होने में आध घंटा समय लग जाता है। इसके बाद सैंपल लेने की प्रक्रिया शुरू होती है। जबकि कोरोना जांच कराने वाले लोग सुबह दस बजे ही पहुंच जाते हैं।
ग्लब्स व मास्क को डिस्पोज करने में लापरवाही
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना जांच हेतु सैंपल लेने की व्यवस्था टीबी अस्पताल में की गई है। यहां सैंपल लेने के दौरान यूज किए गए ग्लब्स व मास्क खुले में ही फेंके जा रहे हैं और सैंपल केन्द्र के पास ही डिस्पोज किया जा रहा है, जो कि नियम का उल्लंघन है। इस तरह की लापरवाही से संक्रमण और तेजी से फैल सकता है।