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जंगल में महुआ बीनने गई बेटी लौट आई घर लेकिन मां रुक गई, रात में हुई ऐसी घटना की सुबह टुकड़ों में मिली लाश

locationअंबिकापुरPublished: Apr 05, 2019 08:30:47 pm

साथ में रहे युवक ने भागकर बचाई अपनी जान, मैनपाट से सटे इलाके में रात में महुआ बीनने गई थी महिला

Forest officers on the spot

Forest officers on the spot

अंबिकापुर. लखनपुर विकासखंड के ग्राम व मैनपाट से सटे डांड़केसरा के जंगल में गुरुवार की सुबह अपनी पुत्री के साथ महुआ बीनने गई थी। शाम को महिला की पुत्री वापस घर लौट गई थी, लेकिन महिला जंगल में महुआ बीनने के लिए रूक गई थी, रात में महुआ बीनने के दौरान महिला का सामना हाथियों से हो गया।
हाथियों ने उसे पटक कर कुचल कर शव को क्षत-विक्षत कर डाला। जानकारी मिलते ही शुक्रवार की सुबह वन अमला तत्काल मौके पर पहुंचा, लेकिन शव क्षत-विक्षत होने की वजह से मौके पर ही पीएम कराया गया। वहीं रात में महुआ बीनने के दौरान एक ग्रामीण भी हाथियों के हमले में घायल हो गया।

सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड के ग्राम व मैनपाट से सटे डांड़केसरा निवासी 50 वर्षीय सुमित्रा मझवार पति सुखराम अपने घर से लगभग 4 किमी दूर सघन जंगल जो हाथी विचरण क्षेत्र है वहां अपनी पुत्री के साथ गुरुवार की सुबह पुत्री के साथ महुआ बीनने गई थी।
शाम होने पर पुत्री ने उसे घर वापस लौटने के लिए कहा लेकिन वह मना कर दी। तब उसकी पुत्री उसे जंगल में छोड़कर वापस घर लौट गई। सुमित्रा घर से बाहर महुआ बीनने के लिए जंगल में ही वन भूमि पर कब्जा कर झाला बनाकर रह रही थी। रात में वह वहीं रूक गई।
इसी दौरान सरभंजा निवासी 32 वर्षीय कत्थी पिता सोमारू भी महुआ बीनने निकला था। अचानक १४ हाथियों के दल से सुमित्रा व कत्थी का सामना हो गया। हाथियों ने सुमित्रा को पटककर पैर से कुचल डाला व उसके शव को क्षत-विक्षत कर दिया। यह देख कत्थी वहां से भागने लगा, लेकिन एक हाथी ने उस पर हमला कर दिया, किसी तरह घायल अवस्था में ही वह अपनी जान बचाकर वहां से भागने में सफल रहा।
उसने गांव पहुंचकर घटना की जानकारी दी। हादसे की जानकारी परिजन को मिलने के बाद उन्होंने इसकी सूचना वन अमले को दी। लेकिन रात होने की वजह से कोई भी जंगल में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। सुबह होने पर वन अमला व पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर हाथियों के हटने का इंतजार किया।
हाथियों के हटने के बाद मृतिका के शव का मौके पर ही पंचनामा कर पीएम कराया गया। घायल कत्थी मैनपाट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती है।


वन अमले ने परिजन को दी सहायता राशि
वन विभाग के एसडीओ चूड़ामणि सिंह व अन्य अधिकारी शुक्रवार की सुबह मौके पर पहुंचे तो वहां की स्थिति का मुआयना किया। उन्होंने गांव वालों को समझाइश भी दी कि महुआ बीनने रात में हाथी विचरण क्षेत्र में न जाएं। इससे जान-माल का नुकसान होता है।
मृतिका के पति को तात्कालिक सहायता राशि 25 हजार रुपए वन विभाग के अधिकारियों ने दी। शेष मुआवजे के लिए प्रकरण बनाकर जिला कार्यालय में भेजे जाने के निर्देश एसडीओ चूड़ामणि सिंह ने वन अमले को दिए।
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